हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार रात और शनिवार सुबह पांच स्थानों पर बादल फटने से कई घर, वाहन और सेब के बगीचे बर्बाद हो गए। कुल्लू के हिड़व, शरची और बशला गांवों के साथ चंबा जिले के चुराह और रामपुर के ज्यूरी क्षेत्र के बधाल गांव में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया है। रामपुर के 12/20 इलाके में भूस्खलन से पांच मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि मलबे में दबने से एक पिता-पुत्र घायल हो गए।
शनिवार को मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे लगभग छह हजार श्रद्धालुओं को निकालकर सुरक्षित उनके घरों के लिए रवाना किया गया। मुख्य सचिव के अनुसार, अभी भरमौर में करीब पांच हजार और चंबा में लगभग पांच सौ यात्री फंसे हुए हैं, जिनका लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है। भरमौर-पठानकोट मार्ग रजेरा से आगे बंद पड़ा है, जहां करीब 20 किलोमीटर सड़क पूरी तरह बह गई है। भरमौर-पांगी और चुराह का संपर्क भी सड़क मार्ग से टूटा हुआ है।
चुराह में सतनाला पहाड़ी पर बादल फटने से बैरागढ़, देवीकोठी और टेपा गांवों का रास्ता बाधित हो गया। पांच पुल और पुलिया बाढ़ में बह गए। कुल्लू जिले के नित्थर और बशला में भी देर रात बादल फटने से मकानों व बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा। इसी तरह, बंजार में हिड़व नाले के किनारे बने एक घर, दो मंदिर, एक कार, मछली फार्म और छह घराट तबाह हो गए।
रामपुर क्षेत्र के बधाल गांव में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से चार घर और कई बागीचे नष्ट हो गए। बधाल की धराली खड्ड में पानी और मलबा भर जाने से रातोंरात हाईवे बंद हो गया और सारा पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया।
उधर, पौंग बांध से शनिवार को एक लाख दस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। राजधानी शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में दिनभर मूसलाधार बारिश होती रही। चंडीगढ़-मनाली हाईवे को शाम तक छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया, जबकि मंडी जिले के कटवाढी गांव में दो दुकानों और एक कार को नुकसान हुआ। कुल्लू से लेह तक वाया वामतट मार्ग पांच दिन बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। हालांकि, किरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे-3 अब भी जगह-जगह से ध्वस्त होने के कारण बंद है।
प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 819 सड़कें बंद पड़ी हैं। 728 ट्रांसफार्मर और 456 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार को चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए भारी से अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित हुआ है। सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और शिमला में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मणिमहेश यात्रा पर सीएम का बयान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि मणिमहेश यात्रा के दौरान आई आपदा में किसी भी श्रद्धालु की मौत नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि जिन यात्रियों का निधन हुआ, वे या तो दुर्घटनाओं का शिकार बने या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से उनकी मृत्यु हुई। सीएम ने कहा कि अब कोई भी श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर फंसा नहीं है, सभी को सुरक्षित चंबा भेजा जा रहा है। श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट करने की भी व्यवस्था की गई है और बड़े हेलिकॉप्टर तैनात करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की मरम्मत और खोलने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके लिए पोकलेन और जेसीबी मशीनें तैनात हैं और धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
हादसे और नुकसान
रविवार सुबह मंडी के झलोगी में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर एक एम्बुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया, हालांकि सौभाग्य से चालक को हल्की चोटें आईं और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। एम्बुलेंस में उस समय कोई मरीज मौजूद नहीं था।
शिमला के विकासनगर में भी भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें चार से पांच गाड़ियों के मलबे में दबने की आशंका जताई गई है।