शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि राज्य में आपदा प्रबंधन एक्ट पूरी तरह लागू है और इसी के कारण पंचायत चुनाव फिलहाल स्थगित हैं। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के लागू होने की अवधि में राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव संबंधी कोई निर्देश नहीं जारी कर सकता। जैसे ही एक्ट हटेगा, वैसे ही चुनाव करवा दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कुछ नई पंचायतों का पुनर्गठन किया जा रहा है, जिनमें कुछ पंचायतों की आबादी नौ-नौ हजार तक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जून 2025 में पंचायतों के पुनर्गठन और वार्डबंदी की प्रक्रिया शुरू हुई थी और चुनाव आयोग ने अपना काम किया। हालांकि, 2025 में आए बड़े आपदाओं के कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के क्षेत्र में भी व्यापक आपदा आई, और इस दौरान मणिमहेश यात्रा समेत कई स्थान प्रभावित हुए। उनके राजस्व मंत्री ने अवरुद्ध सड़क मार्गों को खोलवाकर प्रभावितों की मदद की।

सीएम ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव स्थगित किए गए हैं, टाले नहीं गए। आपदा प्रबंधन एक्ट के कारण चुनाव को जनवरी तक कराए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नई पंचायतों का गठन और पुनर्गठन चल रहा है और चुनाव सुनिश्चित रूप से आयोजित होंगे।

वहीं, विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर नाराजगी जताते हुए सदन से वाकआउट किया। भाजपा के विधायक जीतराम कटवाल ने सरकार से संविधान के प्रावधानों के अनुसार समय पर चुनाव कराने का आग्रह किया और कहा कि केंद्र सरकार एक देश–एक चुनाव की ओर बढ़ रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पंजाब के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने समय पर चुनाव कराने के आदेश दिए थे और हिमाचल में भी ऐसा ही होना चाहिए।

भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सदन में कहा कि चुनाव टालने के बहाने बेवजह नहीं दिए जाने चाहिए और सभी पंचायत चुनाव समय पर करवाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं के व्यक्तिगत विवादों या धार्मिक मुद्दों के आधार पर चुनाव स्थगित करना उचित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों के जवाब में कहा कि सरकार जनता की सेवा के लिए काम कर रही है और एक्ट हटने के बाद पंचायत चुनाव जल्द कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने राज्य की जनता और देवी–देवताओं के आशीर्वाद से अपने कार्यकाल में सभी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।