सुचेतगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास स्थित स्कूल में बच्चे अब इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) की पढ़ाई करेंगे। तारबंदी से पांच किलोमीटर पीछे सरकारी प्राइमरी स्कूल टिब्बा बिहियान की खस्ताहाल इमारत की तस्वीर को सेना ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत बदला है।सेना की तरफ से किए गए सुधारों के बाद यह स्कूल अब निजी से कम नहीं है।
सेना ने यहां कंप्यूटर और एलईडी जैसी सुविधाएं दी हैं। कंप्यूटर अब सीमावर्ती बच्चों के लिए पहेली नहीं रहेगा। टिब्बा प्राइमरी स्कूल में 15 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। कम संख्या का कारण सुविधाओं का अभाव होना भी है। स्कूल की इमारत, क्लासरूम और शौचालय उचित रखरखाव नहीं होने से बदहाल हो चुके थे। यहां अभ्यास के लिए आए सैन्य अधिकारियों ने जब स्कूल की हालत देखी तो यहां दीवारों पर झाड़ियां उगी थीं। बाल वाटिका में मिड-डे-मील तैयार होता था। कमरे की दीवारों का रंग निकल चुका था।
2.50 लाख से किया स्कूल का कायाकल्प
हेडमास्टर दौलत सिंह ने बताया कि समग्र शिक्षा के तहत स्कूल के लिए मात्र 10 हजार रुपये का ही फंड मिलता है। इससे रखरखाव करना मुश्किल था। सेना की 78वीं मीडियम रेजिमेंट के अधिकारियों ने स्कूल की स्थिति को देखा तो उन्होंने भी उन्हें स्थिति से अवगत करवाया। सेना ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत कायाकल्प किया। '
2.50 लाख रुपये खर्च कर सुविधाएं दीं। इसका असर आगामी शैक्षणिक सत्र में नामांकन पर दिखेगा।सेना ने मुहैया करवाई ये सुविधाएंसात प्लास्टिक कुर्सियां, एक कंप्यूटर टेबल, दो ग्रीन बोर्ड, एक राष्ट्रीय ध्वज, 20 स्कूल बैग और पानी पीने के लिए बोतलें, 10 बच्चों के लिए कुर्सियां, एक कंप्यूटर सेट, एक वेब कैमरा, प्रिंटर, स्कैनर, स्पीकर, कंप्यूटर चेयर, स्मार्ट इंटरेक्टिव स्क्रीन।
सुरक्षा के लिए लाइट भी लगाई
प्राइमरी स्कूल में सुरक्षा दीवार नहीं है। इस कारण सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सेना ने एक एलईडी लाइट लगाई है। साथ ही एक वेब कैमरा लगाया है, ताकि रात्रि में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में मदद मिल सके।