मध्य कश्मीर के बडगाम से तीन दिनों से लापता सेना के टेरिटोरियल आर्मी का जवान समीर अहमद मल्ला का शव वीरवार को सेब के एक बगीचे में पाया गया। छुट्टी पर घर आया समीर सोमवार को लापता हो गया था। इसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि आतंकियों ने उसका अपहरण कर लिया है। परिवार वालों ने उसे छोड़ने की अपील करते हुए कहा था कि यदि उससे कोई गलती हुई हो तो माफ कर दें।
वह उसे नौकरी छोड़ने के लिए कहेंगे। वह श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान 2017 में कथित पत्थरबाज फारूक अहमद डार को जीप के बोनट पर बांधकर घुमाने वाले मेजर लीतुल गोगोई का करीबी था। बताते हैं कि समीर के शरीर पर गोली के निशान नहीं हैं, लेकिन प्रताड़ना के सबूत जरूर है।
प्रारंभिक छानबीन में पाया गया कि उसके चेहरे पर गर्म रॉड से प्रताड़ना दी गई है। इससे यह लगता है कि बदले की भावना से हत्या की गई है। बताते हैं कि एक सप्ताह पहले पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद समीर परिवार वालों से मिलने के लिए अपने गांव खाग क्षेत्र के लोकीपोरा गांव गया था।
लापता होने से पहले उसने अपनी मां से फोन पर बात की थी। बताया था कि फोन की बैटरी कम है। यदि फोन कट गया तो वह दोबारा फोन करेगा। इसके बाद उसका संपर्क नहीं हो सका। सोमवार को वह किसी काम से घर से बाहर गया, उसके बाद फिर नहीं लौटा।
अप्रैल 2018 में श्रीनगर के एक होटल में मेजर लीतुल गोगोई एक लड़की के साथ पकड़े गए थे। बताते हैं कि उस लड़की को अपनी गाड़ी से समीर ही होटल तक लेकर पहुंचा था। इसके बाद कोर्ट मार्शल हुआ। 2019 में कोर्ट मार्शल में दोषी पाए जाने के बाद समीर को ऑपरेशनल इलाके से दूर करते हुए जम्मू में तैनाती दे दी गई।