लेह। लद्दाख में सोशल मीडिया पर एक और डीपफेक वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। इस बार यह वीडियो लेह के एडीसी गुलाम मोहम्मद के नाम पर बनाया गया है, जिसमें उन्हें पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए दिखाया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी और छेड़छाड़ कर तैयार किया गया है।

एडीसी कार्यालय की ओर से साफ कहा गया है कि इस तरह का कोई बयान उन्होंने कभी नहीं दिया। पुलिस ने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है फर्जी वीडियो की सच्चाई?
वायरल क्लिप में दावा किया गया कि सोनम वांगचुक को गृह मंत्रालय के आदेश पर गिरफ्तार किया गया है और उन पर पाकिस्तानी एजेंट होने का आरोप लगाया गया है। जांच में सामने आया कि यह वीडियो डीपफेक तकनीक के जरिए डिजिटल रूप से बदला गया है और इसका मकसद अफवाह फैलाना और लोगों को प्रशासन के खिलाफ भड़काना था।

पुलिस ने किया आगाह
लेह पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला गलत सूचना फैलाने और डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने का है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि बिना पुष्टि किए ऐसे वीडियो को साझा न करें।

पहले भी फैलाई गई थी अफवाह
गौरतलब है कि तीन दिन पहले लद्दाख के डीजीपी डॉ. एसडी सिंह का भी एक डीपफेक वीडियो सामने आया था। उसमें उन्हें वांगचुक की गिरफ्तारी को रक्षा मंत्री के निर्देश पर बताया गया था। जांच में वह भी फर्जी पाया गया।

सख्त कार्रवाई की चेतावनी
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया या किसी भी प्लेटफॉर्म पर फर्जी या छेड़छाड़ की गई सामग्री प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।