श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने डीएसपी आदिल मुश्ताक के खिलाफ चल रही विभागीय जांच को बंद करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर वापस सेवा में बहाल कर दिया है। आदिल मुश्ताक पर आतंकवाद से जुड़े आरोपितों की सहायता करने और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप थे।
21 सितंबर 2023 को उन्हें निलंबित किया गया था। गृह विभाग ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर चल रही जांच बंद करने और डीएसपी की सेवा बहाली का आदेश जारी किया है।
डीएसपी पर आतंकवादी फंडिंग और संबंधित मामलों में सहयोग का आरोप था, जिसके तहत उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन नौगाम में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में दिसंबर 2024 में एक विभागीय जांच शुरू हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी पुलिस अपराध शाखा के डीआईजी अब्दुल कयूम को दी गई थी।
जांच में जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर डीएसपी आदिल मुश्ताक पर लगे सभी आरोप निराधार पाए गए। सीआईडी ने भी पुष्टि की कि आपराधिक और विभागीय दोनों जांचों में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला।
2023 में दर्ज मामले में न्यायालय ने भी तकनीकी कारणों से पहले ही डीएसपी को बरी कर दिया था। जांच अधिकारी की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए सरकार ने जांच समाप्त कर दी और डीएसपी आदिल मुश्ताक को तुरंत बहाल कर दिया। निलंबन की अवधि को अलग से तय किया जाएगा।