जम्मू–कश्मीर में अमरनाथ यात्रा आज, 3 जुलाई से शुरू हो रही है। 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा, पहलगाम व बालटाल दोनों मार्गों से होगी। इसके मद्देनजर भारतीय सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और जम्मू–कश्मीर पुलिस के लगभग 80,000 जवानों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था:
- पहलगाम और बालटाल रूट पर सीसीटीवी, ड्रोन, हैंडहेल्ड कैमरा, रोड ओपनिंग पार्टी, डॉग स्क्वाड व बुलेटप्रूफ मार्क्समैन तैनात
- अप्रोच रूट बंद कर दिए गए, जिस पर काफिला गुजरता है तो ट्रैफिक रोका जाएगा
- देश भर से भेजे गए सुरक्षा मॉडल (जैसे यूएस/नाटो के कॉन्वॉय सुरक्षा तंत्र) लागू किए गए
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि कोई ढिलाई न बरती जाए
खुफिया चेतावनियाँ:
- सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा ड्रोन व छोटी मिसाइल से हमले की धमकी है
- स्थानीय ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ आतंकवादियों को सूचना व सहायता पहुंचाते हैं; इन्हें चिन्हित करने के लिए विशेष दस्ते बनाए गए
- आईबी के मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) के साथ सभी जानकारी साझा की जा रही है
केंद्रीय बलों का वितरण:
- सीआरपीएफ की 220 कंपनियां (+100 पहले से)
- बीएसएफ: 143 कंपनियां
- एसएसबी: 97 कंपनियां
- आईटीबीपी: 62 कंपनियां
- सीआईएसएफ: 60 कंपनियां
- सेना के राइफल रेजिमेंट (RR)
सुरक्षा उपायों की बुनियादी रूपरेखा:
- रास्ते, पुल व शिविरों के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे
- वाहनों में चिपकने वाले बम की जांच हेतु स्कैनिंग
- आईईडी, लैंड स्लाइडिंग व लक्षित हत्याओं से निपटने हेतु तकनीकी उपकरण और खोजी कुत्तों की तैनाती
- ड्रोन हमलों को रोकने के लिए स्पेशल शूटर लगाए गए
सरकार व सुरक्षा बलों ने फिदायीन हमलों व ड्रोन/मिनी-रॉकेट हमलों से बचाव के लिए सतर्क रहकर यात्रियों की सुरक्षा का हर स्तर पर बंदोबस्त सुनिश्चित किया है।