जम्मू संभाग में भारी बारिश और बाढ़ के कारण जम्मू रेल मंडल को गंभीर आर्थिक और बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है। 26 से 31 अगस्त के बीच रेल सेवाएं प्रभावित रहीं, जिससे मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों के संचालन में रुकावट आई। इसके चलते रेलवे को सात दिनों में करीब 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि ट्रेनों का संचालन लंबे समय तक बाधित रहा तो कुल नुकसान 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। मालगाड़ियों का संचालन 30 सितंबर तक संभव नहीं दिख रहा है।
जम्मू रेल मंडल रोजाना यात्री टिकटों से औसतन 2.5 करोड़ रुपये और मालभाड़ा व पार्सल से करीब 3.5 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करता है। ट्रेनों के ठप होने से रेलवे को प्रतिदिन भारी आर्थिक क्षति हो रही है। इस बीच फंसे यात्रियों की सुविधा के लिए पांच विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें से तीन निशुल्क थीं।
जम्मू मंडल में प्रतिदिन लगभग 45 मालगाड़ियां चलती हैं, जिनमें 35 जम्मू आने वाली और 10 जाने वाली हैं। देश भर से जम्मू में सीमेंट, सरिया, खाद, सरकारी राशन और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचती है। वहीं 50 यात्री ट्रेनों का संचालन होता है, जिनमें दो जोड़ी वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें शामिल हैं। मालगाड़ियों के ठप होने से जरूरी सामान की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
जम्मू-कश्मीर में सेब का मौसम शुरू हो चुका है और दिल्ली-अनंतनाग मार्ग पर मालगाड़ी चलाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन भारी बारिश और बाढ़ से ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के कारण यह योजना फिलहाल रुकी हुई है। इसके अलावा पार्सल सेवा भी प्रभावित हुई है; सामान्य दिनों में जम्मू से प्रतिदिन लगभग 300 पार्सल भेजे जाते हैं और 500 पार्सल देश के अन्य स्टेशनों से जम्मू पहुंचते हैं।