जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सरकारी तंत्र में छिपे आतंकियों के मददगारों, अलगाववादियों और धर्मांध जिहादी तत्वों के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रही है। इन्हीं गतिविधियों में शामिल रहने के मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत पांच सरकारी कर्मचारियों को बुधवार को सेवामुक्त कर दिया गया। बीते आठ माह में प्रदेश सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में बैठे करीब 30 सफेदपोश देशद्रोहियों के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत सेवामुक्त कर घर भेज चुकी है।

जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने आतंकी, अलगाववादी व इनके प्रति सहानुभूति रखने वाले तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों लिप्त सरकारी कर्मियों व अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के लिए पिछले साल 21 अप्रैल को प्रदेश में सीआइडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष कार्यबल बनाया था। सरकार इसके बाद विभिन्न विभागों के ऐसे 500 अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू की थी जो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ मिले हैं। इनमें से करीब 30 अधिकारियों व कर्मियों को सेवामुक्त किया जा चुका है।

बुधवार को सेवामुक्त किए गए पुलिसकर्मी तौसीफ अहमद मीर निवासी पुलवामा व शाहिद हुसैन राथर निवासी खेईपोरा बारामुला शामिल हैं। इसके अलावा अध्यापक अरशिद अहमद दास निवासी बराह बंडिना अनंतनाग, राजस्व विभाग का कंप्यूटर आपरेटर गुलाम हसन पर्रे निवासी लावेपोरा श्रीनगर और स्वास्थ्य विभाग में बतौर नर्सिंग अर्दली कार्यरत शराफी अली खान निवासी केरन पायीन कुपवाड़ा को नौकरी से निकाला गया है।