‘जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा राज्य का दर्जा’, एलजी सिन्हा ने दोहराते हुए कहा- केंद्र प्रतिबद्ध

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के साथ सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले बजट सत्र का आगाज हुआ। उपराज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य का दर्जा बहाली की बात दोहराई। उन्होंने कहा, जम्म-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर केंद्र संकल्पबद्ध है। केंद्र सरकार राज्य के दर्जे के भावनात्मक व राजनीतिक महत्व को समझती है। इसके लिए हितधारकों से बात की जा रही है।

सात साल बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सेंट्रल हाल में अभिभाषण से बजट सत्र शुरू हुआ है। अभिभाषण में उपराज्यपाल ने कहा, यह सत्र केवल एक विधायी औपचारिकता नहीं है, बल्कि सुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। बजट भागीदारी शासन के नए युग का प्रतिनिधित्व करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आम लोगों की जरूरतें और आकांक्षाएं नीति निर्माण के केंद्र में रहें। सरकार जम्मू-कश्मीर को परिभाषित करने वाली एकता और विविधता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। सुशासन जम्मू-कश्मीर के समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भविष्य की आधारशिला है। सरकार पारदर्शी और जवाबदेह निर्णय लेने, संसाधनों का कुशल और प्रभावी आवंटन सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।

खर्च किए जाने वाले हर पैसे का नागरिकों को पूरा लाभ देने का प्रयास
एलजी ने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों को खर्च किए गए हर पैसे का पूरा लाभ देने के उचित प्रयास किए जा रहे हैं। हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो बढ़ते सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी), बुनियादी ढांचे की उन्नति और बेहतर सामाजिक आर्थिक सूचकांक जैसे प्रमुख संकेतकों में नजर आती है। यह प्रगति चुनौतियों के बिना हासिल नहीं हुई है। क्षेत्रीय असमानताओं, बेरोजगारी और सतत विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।

अवसर, विकास और नवाचार का केंद्र बनाने पर फोकस
एलजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोनमर्ग सुरंग के उद्घाटन की सराहना की। उन्होंने कहा, हम एक गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं, जो हमारी युवा पीढ़ी की प्रतिभा और ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति को बढ़ाएगी। हमारी नीतियां युवाओं की भागीदारी, रोजगार के अवसरों और डिजिटल परिवर्तन पर केंद्रित हैं। प्रशासन युवाओं के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को अवसर, विकास और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहा है। सरकार जम्मू-कश्मीर को एक प्रगतिशील अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है। सरकार के शासन मॉडल पर प्रकाश डालते हुए सिन्हा ने कहा कि सुशासन जम्मू-कश्मीर के समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भविष्य की आधारशिला है।

कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास पर हो रहा काम
उपराज्यपाल ने कश्मीरी विस्थापितों के सम्मानजनक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। कहा, विस्थापित कर्मचारियों के लिए पारगमन आवास परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे। कर्मियों को निर्दिष्ट स्थानों पर उपयुक्त आवास प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह सभी पहल विश्वास बहाल करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर में सभी समुदायों के लिए एक स्थिर और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेगी।

बजट प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका के लिए मुख्यमंत्री को सराहा
उपराज्यपाल सिन्हा ने सरकार की बजट की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रशंसा की। कहा, पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के सभी बीस जिलों के लिए अलग-अलग बैठकें कीं। निर्वाचित प्रतिनिधियों से सीधे बातचीत कर उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं को जाना और क्षेत्रीय आवश्यकताओं और उनकी प्राथमिकता को समझा। यह बजट लोकतंत्र का उत्सव है। यह जम्मू-कश्मीर के हर घर, हर समुदाय और हर क्षेत्र के सपनों और उम्मीदों की अभिव्यक्ति है। यह नवीनीकरण और सशक्तीकरण का क्षण है। यह भागीदारी शासन के एक नए युग का प्रतिनिधित्व करती है। यह सुनिश्चित करता है कि आम आदमी की जरूरतें और आकांक्षाएं नीति निर्माण के केंद्र में रहें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here