चयन न होने पर बीएसएफ-सीआईएसएफ भर्ती के उम्मीदवार सोमवार को फिर सड़कों पर उतरे। उन्होंने तवी पुल को बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। पुलिस ने उम्मीदवारों को हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस के साथ उम्मीदवारों की धक्का मुक्की हुई। कुछ उम्मीदवारों ने पुलिस पर उनको डंडों से पीटने का आरोप भी लगाया।

सुबह कई उम्मीदवार तवी पुल पर जमा हो गए। करीब आधा घंटा वह लोग सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। इस बीच पुलिस से धक्का मुक्की शुरू हो गई। पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। जिसका जमकर विरोध किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया गया है।

90 फीसदी अंक लेने के बावजूद भी उम्मीदवारों का चयन नहीं किया गया। भर्ती में धांधली की गई है। कई महीनों से वह लोग अपनी मांग को लेकर विरोध जता रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री डा जितेंद्र सिंह ने भी उम्मीदवारों को आश्वासन दिया था कि इसे लेकर बात की जाएगी 
 दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि जितने पदों पर भर्ती होनी थी, उतने पदों पर हो चुकी है और इतने पदों पर ही रहेगी। वहीं प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों ने भाजपा के खिलाफ भी नारेबाजी भी की। कहा कि आने वाले चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा। 

बाॅर्डर बटालियनों की भर्ती न होने पर निकाली रैली, नारेबाजी

घोषणा के दो साल बाद भी पुलिस की महिला और बार्डर बटालियन की भर्ती प्रक्रिया पूरी न होने पर उम्मीदवारों में रोष है। सोमवार को अंबफला में सैकड़ों उम्मीदवारों ने इसे लेकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की। उम्मीदवार का कहना है कि लिखित परीक्षा को छोड़कर बाकी सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके बावजूद भर्ती की दोबारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।

जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीन साल की मेहनत के बाद वह लोग फिट हुए थे और अब फिर से भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा क्यों लें। कहा कि सरकार को चाहिए की नई अधिसूचना को रद्द किया जाए। जबकि जो लोग फिट हो चुके हैं, उनकी लिखित परीक्षा हो। उनकी बस यहीं दो मांगे हैं। यह भी कहा कि वह लोग मंडलायुक्त से मिले, कई वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं से मिले।