लद्दाख प्रशासन को इस वित्त वर्ष में केंद्रीय बजट से मिली राशि में की गई कटौती को अक्तूबर तक वापस लिए जाने की संभावना है। इसके लिए केंद्र सरकार से औपचारिक अनुरोध भेजा गया है। लेह और कारगिल की लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदें (LAHDC) लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही थीं। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लद्दाख दौरे के दौरान भी परिषदों ने यह विषय उनके समक्ष रखा।
गौरतलब है कि LAHDC के लिए पहले सालाना 344 करोड़ रुपये का बजट तय था, जिसे वर्ष 2024-25 में घटाकर 272 करोड़ रुपये कर दिया गया। इससे लेह और कारगिल दोनों को 72-72 करोड़ रुपये कम प्राप्त हुए, जिससे विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही थीं।
लद्दाख के नवनियुक्त उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने बताया कि बजट में हुई इस कटौती के मामले को केंद्र के समक्ष रखा गया है और अक्तूबर में बजट की पुनः बहाली की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि नए जिलों के गठन की प्रक्रिया जल्द ही सभी पक्षों की सहमति के साथ पूरी की जाएगी।
पांच नए जिलों से 5,000 से अधिक रोजगार के अवसर
लद्दाख में द्रास, जंस्कार, नुब्रा, शाम और चांगथांग को नए जिले बनाए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। अधिकारियों के अनुसार, इन नए प्रशासनिक इकाइयों के संचालन के लिए करीब पांच हजार नए पदों पर स्थानीय स्तर पर भर्ती की जाएगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है।