जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पिछले दिनों पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत सरकार से अत्यधिक सावधानी और सजगता से प्रतिक्रिया करने का अनुरोध करते हुए भावुक अपील की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच अंतर करने पर जोर देते हुए क्षेत्र में विभाजन को गहरा करने की जगह एकता को मजबूत करने वाली कार्रवाइयों का अनुरोध किया.
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट के जरिए कश्मीर में हजारों गिरफ्तारियों और आतंकवादियों के घरों के साथ-साथ आम लोगों के घरों को ध्वस्त करने की रिपोर्टों पर भी गहरी चिंता जताई. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी दी कि अगर इस तरह के व्यापक उपायों को सावधानी के साथ नहीं किया गया, तो निर्दोष कश्मीरियों को अलग-थलग करने और आक्रोश को बढ़ावा देने का खतरा है, जो डर और आपसी कलह फैलाने की कोशिश करने वालों के हाथों में खेल सकता है.
कश्मीरियों पर अंधाधुंध कार्रवाई से होगा नुकसानः मुफ्ती
पूर्व मुख्यमंत्री ने X पर लिखा, “नागरिकों के खिलाफ की जा रही अंधाधुंध कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर कर रही है. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष कश्मीरी लोगों को आतंकवाद विरोधी अभियानों का खामियाजा न भुगतना पड़े.”

साथ ही महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से सुरक्षा बलों और अधिकारियों को टॉरगेटेड और साक्ष्य आधारित अभियान चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया, जिसमें मानवाधिकारों और नागरिकों की गरिमा की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने निर्दोष लोगों को गलत तरीके से निशाना बनाए जाने से रोकने के लिए पारदर्शी जांच और निष्पक्ष व्यवहार के महत्व पर जोर दिया.
न्याय और विश्वास 2 सबसे मजबूत हथियारः मुफ्ती
उन्होंने कहा, “न्याय और विश्वास ही आतंकवाद के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार हैं.” पीडीपी नेता ने आम लोगों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई को रोकने, जम्मू-कश्मीर में शांति तथा स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में विश्वास को फिर से बनाने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने को लेकर तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया.