जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की ओर से लगातार बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की जा रही है, जिसका भारतीय जवानों ने सख्ती से मुकाबला किया। अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार देर रात से रविवार तक, केंद्र शासित प्रदेश के पांच जिलों के आठ से अधिक क्षेत्रों से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं सामने आईं। हालांकि, इनमें किसी के घायल या हताहत होने की सूचना नहीं है।
पहलगाम हमले के बाद तनाव, लगातार दसवीं रात फायरिंग
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सीमा पार से गोलीबारी की यह लगातार दसवीं रात रही। उस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इसके बाद से नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है।
रक्षा प्रवक्ता का बयान
रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, 3 और 4 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तानी चौकियों से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में गोलीबारी की गई। इसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और सीमाओं की कड़ी निगरानी बढ़ा दी गई है।
ग्रामीणों ने बंकरों की सफाई शुरू की
संभावित खतरे को देखते हुए सीमावर्ती गांवों में रह रहे लोगों ने सामुदायिक और निजी बंकरों की सफाई और मरम्मत शुरू कर दी है ताकि किसी भी आपात स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सके।
संधि के बावजूद गोलीबारी, DGMO स्तर पर बात बेअसर
2021 में भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष विराम समझौते को फिर से लागू किया था, लेकिन हालिया घटनाएं इस पर सवाल उठा रही हैं। हाल ही में दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई थी, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को आगाह किया था। बावजूद इसके, सीमा पर गोलीबारी जारी है।
सिंधु जल संधि और हवाई प्रतिबंध से भी बढ़ा तनाव
पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही घंटों बाद भारत ने सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से स्थगित कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 24 अप्रैल को भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, वाघा बॉर्डर सील कर दी और दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां भी रोक दीं। इसके साथ ही पाकिस्तान ने पानी के प्रवाह में किसी भी हस्तक्षेप को ‘युद्ध का कारण’ बताकर चेतावनी दी है।