झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट में रखा गया है। उनके बेटे को भी नजरबंदी में रखा गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम रिम्स-2 परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन को लेकर संभावित विरोध प्रदर्शन और बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की आशंका को देखते हुए उठाया गया।

चंपई सोरेन ने अपनी नजरबंदी पर कहा कि डीएसपी ने उन्हें बताया कि आज उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना है, और उन्होंने प्रशासन का निर्णय मानते हुए इसे स्वीकार किया।

पुलिस ने बताया कि आदिवासी संगठनों के विरोध और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर सोरेन को नजरबंद किया गया। उनके बेटे बाबूलाल सोरेन और रांची जाने वाले समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की संभावित स्थिति को देखते हुए विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड लगाए गए और अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए।

पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि उनकी नजरबंदी अलोकतांत्रिक है और इसे उनके आदिवासियों और विरोध प्रदर्शन के समर्थन के कारण किया गया। सोरेन रिम्स-2 परियोजना के लिए प्रस्तावित नगड़ी की जमीन पर किसानों के समर्थन में विरोध करने वाले थे, जिसको लेकर उन्होंने नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।