चाईबासा। झारखंड को नक्सलमुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। पश्चिमी सिंहभूम के घने और दुर्गम जंगलों में चल रहे इस अभियान के बीच जवानों को नक्सलियों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं और जहरीले जीव-जंतुओं से भी जूझना पड़ रहा है। इसी क्रम में छोटानागरा थाना क्षेत्र के नुरर्धा जंगल में बुधवार को कोबरा के डसने से कोबरा 209 बटालियन के जवान संदीप कुमार की मौत हो गई।

इलाज के दौरान तोड़ा दम
जानकारी के अनुसार, अभियान के दौरान जवान को अचानक एक जहरीले सांप ने काट लिया। तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रांची ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी जान चली गई। उनकी शहादत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों के सामने कितनी बड़ी प्राकृतिक चुनौतियां खड़ी रहती हैं।

पहले वज्रपात और आईईडी में भी गईं जानें
इससे पहले 15 मई को इसी जिले में अभियान के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से सीआरपीएफ की 26वीं बटालियन के सेकंड कमान अधिकारी एम. प्रबो सिंह की मौत हो गई थी। इस हादसे में झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ के चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें रांची एयरलिफ्ट कर भर्ती कराया गया था।

वहीं, 12 अप्रैल को सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में झारखंड जगुआर के जवान सुनील धान शहीद हो गए थे।

हर खतरे के बीच नक्सलमुक्त झारखंड का संकल्प
इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को हर पल जान का जोखिम उठाना पड़ता है—कभी नक्सली हमले, तो कभी प्राकृतिक आपदा या फिर जंगल में मौजूद जहरीले जीव। इसके बावजूद, जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा और साहस के साथ कर रहे हैं ताकि राज्य को नक्सलवाद से मुक्त किया जा सके।