इन दिनों झारखंड विधानसभा में के शीतकालीन सत्र में भी संसद की तरह ही हंगामा जारी है। विधानसभा में लगातार दूसरे दिन कार्यवाही के दौरान कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखाई दी। यहां भारतीय जनता पार्टी के तीन विधायकों के निलंबन के खिलाफ जमकर हंगामा काटा गया। बुधवार को सुबह जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायक रणधीर सिंह तीन विधायकों के निलंबन के विरोध में वेल में आ गए। उनके साथ ही अन्य भाजपा विधायकों ने भी वेल में आते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया।
भाजपा विधायकों ने बांधी काली पट्टिय़ां
विरोध कर रहे भाजपा विधायकों ने अपने निलंबित साथियों पर हुई कार्रवाई को रद्द करने की मांग की। साथ ही अपने चेहरे पर काली पट्टी भी बांध कर नारेबाजी और तख्तियां लहराते रहे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने उनसे शांति बनाए रखने का आह्वान भी किया, लेकिन वे न माने। इस पर सदन की कार्यवाही को दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को भाजपा के तीन विधायकों को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया था। इन विधायकों में भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंचि नारायण, सचेतक जे पी पटेल और विधायक भानु प्रताप शाही शामिल थे। तीनों पर सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने के लिए उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया था।
अमर बाउरी ने कहा- निलंबन एक तरह की तानाशाही
भाजपा विधायकों के निलंबन के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने स्पीकर की कार्रवाई को तानाशाही रैवय्या करार दिया। बाउरी ने कहा, हम राज्य के युवाओं से संबंधित मुद्दा उठा रहे थे। लेकिन, सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। बता दें विधायकों के विरोध के कारण विधानसभा मे प्रश्नकाल नहीं चल सका। वहीं सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा में हंगामा किया। बाउरी ने कहा कि पंचायत सचिवालय के 18 हजार से अधिक कर्मी और दिव्यांग युवा रोजगार के लिए सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा, रोजगार एक संवेदनशील मुद्दा है और मुख्यमंत्री को इस पर सदन में अपना बयान देना चाहिए।