झारखंड की राजधानी रांची में पिछले कई दिनों से लगातार बिजली गुल रहने के कारण जहां स्थानीय लोगों का दैनिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है वहीं व्यापारियों का कारोबार भी ठप होने की कगार पर है। इतना ही नहीं बिजली गुल होने के बाद लोग देर रात सड़क पर घूमने या ता पार्क में बैठने के लिए मजबूर हैं। इस दौरान कुछ व्यापारियों ने बिजली संकट के कारण कारोबार चौपट होने की बात कही है। स्थानीय दुकानदार मनोज कुमार दुबे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है कि हम दिन भर धूप में रहते हैं और शाम को कुछ संतोषजनक व्यवसाय होने की उम्मीद करते हैं लेकिन इस दौरान बिजली ही चली जाती है। हमारा धंधा चौपट हो रहा है। एक अन्य स्थानीय दुकानदार ने कहा कि हमें दोपहर में 3-4 घंटे के लिए बिजली संकट का सामना करना पड़ता है। मेरी फोटोकॉपी मशीनों के साथ एक स्टेशनरी की दुकान है जो लगभग 14-15 घंटे खुली रहती है। लेकिन व्यापार के मुख्य समय में ही बिजली चली जाती है जिससे हम फोटोकॉपी करने का काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
झारखंड में बिजली संकट के खिलाफ विपक्ष ने खोला मोर्चा
झारखंड में बिजली संकट के चलते राजनीति उफान पर है। विपक्षी दल भाजपा कहा कि गर्मी के इस मौसम में बिजली संकट से आम जनता त्रस्त है। आम लोगों से सीधे तौर पर जुड़े इस मुद्दे पर भाजपा ने हेमंत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बिजली संकट को लेकर बुधवार को भाजपा ने दुमका में एक सभा आयोजित की और इसमें हेमंत सरकार पर साधा हमला बोला। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोग बताते हैं कि दुमका विधायक बसंत सोरेन को जिस दिन एक करोड़ रुपये नहीं मिलते तो रात में नींद नहीं आती। पूरा का पूरा सरकारी महकमा विधायक जी के टारगेट को पूरा करने में जुटा है। जरा सीएम साहब बताएं कि संथालपरगना में उनके परिवार व चमचों को छोड़कर कितने आदिवासियों को खदानों की लीज मिली।