झारखंड के हजारीबाग में एक फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों और एजेंटों ने कथित तौर पर एक गर्भवती महिला को कथित तौर पर ट्रैक्टर से कुचला। महिला की मौके पर ही मौत हो गई। फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ट्रैक्टर की रिकवरी के लिए आए हुए थे। मृतक महिला के किसान पिता ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता ने आरोप लगाया कि उनकी 27 वर्षीय बेटी की ट्रैक्टर के पहिए के नीचे आने से उस वक्त मौत हुई जब एक रिकवरी एजेंट जबरन वाहन ले जा रहा था। मेहता के मुताबिक, उन्होंने बाद में ऋण चुका देने की बात कही लेकिन उसने उनकी बात को सुनने से इनकार कर दिया।
रोते हुए मेहता ने कहा, “मुझे न तो मुआवजा चाहिए और न ही सरकार से कोई लाभ। मैं केवल अपनी बेटी के लिए न्याय चाहता हूं। दोषियों को फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए।”
हजारीबाग पुलिस ने गुरुवार को इचक थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के संबंध में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एक नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इचक थाना प्रभारी धनंजय सिंह के मुताबिक, तलाशी अभियान जारी है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। वहीं हजारीबाग के पुलिस अधीक्षख मनोज रतन छोटे ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपाधीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया है।
किसान ने आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंट धमकी दे रहा था कि अगर हमने उसे रास्ता नहीं दिया तो वह हमें ट्रैक्टर के नीचे कुल देगा। और उसने ठीक वहीं किया जो कहा था। मेरी बेटी को वाहन के नीचे दो बार कुचला गया।
मेहता ने बताया कि चार बच्चों में उनकी बेटी सबसे बड़ी थी जिसकी पिछले साल 24 मई को डुमरांव गांव के एक कारोबारी से शादी हुई थी। उन्होंने बताया कि उनका दामाद कुलदीप काम के सिलसिले में असम गया हुआ था, उसी दौरान यह घटना हुई।
किसान ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और उसने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी और पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहती थी लेकिन तक तक उसकी शादी हो गई थी।
उन्होंने बताया कि उनके दामाद को असम जाना था इसलिए उन्होंने चार दिन पहले पत्नी को मायके भेज दिया था। मौत की खबर मिलने के बाद वह वापस हजारीबाग लौट आए और पत्नी का शव देखकर बेहोश हो गए। मेहता कहते हैं, भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा जिन्होंने ऐसा किया है।