रांची के एक सरकारी अस्पताल में दुष्कर्म के आरोपी व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 26 साल के आरोपी की मौत मल्टी-ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई। हालांकि, परिवार ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान उसे ग्रामीणों और पुलिस ने पीटा, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि आरोपी को उच्च रक्त यूरिया और मलाशय से रक्तस्राव के साथ आठ सितंबर को राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया था। रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि शनिवार रात मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से मरीज की मौत हो गई।
रांची जिले के नारकोपी थाने में लड़की की शिकायत के बाद आरोपी को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 15 साल की लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी जबरन उसके घर में घुसा और उससे दुष्कर्म किया। वारदात के वक्त उसके परिवार के सदस्य कृषि कार्य के लिए बाहर गए थे।
नारकोपी थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि जेल भेजे जाने से पहले आरोपी का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया। हमारे पास मेडिकल सर्टिफिकेट है, जिसमें उसे फिट घोषित किया गया है। जेल में तीन या चार दिन बाद आरोपी बीमार पड़ गया। जेल के डॉक्टरों ने उसका इलाज कराया गया। जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें रिम्स के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई।
यह पूछे जाने पर कि क्या गिरफ्तारी के दौरान आरोपी को पीटा गया था? उन्होंने कहा कि आक्रोशित ग्रामीण बड़ी संख्या में जमा हो गए थे। ग्रामीणों के आक्रोश से आरोपी को बचाकर थाने लाया गया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें जेल भेजा गया, तो वह शारीरिक रूप से स्वस्थ था।