झारखंड के साहिबगंज और बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी घाट के बीच गंगा नदी में स्टोन के ट्रकों से भरे जहाज का बैलेंस बिगड़ गया। जहाज पर करीब 14 ट्रकों में स्टोन (पत्थर) लोड था। इसके साथ ही सभी ट्रकों के ड्राइवर और हेल्पर भी इसमें सवार थे। हादसे में जहाज के स्टाफ के साथ ट्रकों के ड्राइवर-खलासी सहित 10 लोगों की आशंका जताई जा रही थी। जहाज प्रबंधन का कहना है कि 8 लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाई है। वो लौट आए हैं। 2 लोग अब भी लापता हैं। जहाज साहिबगंज से मनिहारी की तरफ जा रहा था।

ट्रक का टायर फटने से हादसा
जहाज में सवार कैप्टन अमर चौधरी ने बताया कि जहाज पर कुल 14 ट्रक लोड थे। एक ट्रक का टायर फट गया। इस कारण वह अनियंत्रित होकर नदी के बीच धार में गिर गया इसके साथ ही 4 और ट्रक गिर गए। बाकी बचे ट्रकों को लेकर जहाज किनारे पर पहुंचा। 9 ट्रक जहाज पर पलट गए हैं, जबकि 5 ट्रक गंगा के बीच धार में डूबे हुए हैं। ट्रकों की तलाश और लापता लोगों की खोज के लिए NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है।

झारखंड सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। घटना को लेकर सदन में BJP के विधायकों ने हंगामा किया। सरकार ने दावा किया है कि अब तक इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यह भी दावा किया गया है कि घटना बिहार की सीमा में हुई है। दोनों राज्यों की टीम राहत व बचाव कार्य में जुट गई है।

हादसे का मामला संसद में भी गूंजा। गोड्‌डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में सीधे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाने पर लगाया। कहा कि कैसे यह अवैध ट्रक जा रहे हैं। सन सेट और सन राइज के बीच में इस परिवहन की अनुमति नहीं है। कहा कि जिन लोगों की ओर से यह कारोबार किया जा रहा है, मुख्यमंत्री उस कंपनी के पार्टनर हैं। पीए वहां की दलाली कर रहे हैं। इस कारण से ये अवैध एक्टिविटी हो रही है। उन्होंने मांग की है कि सीएम खुद इसमें शामिल हैं तो उनकी सरकार को बर्खास्त कर इसकी सीबीआई जांच हो।