मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी को लेकर इन दिनों काफी बवाल मचा हुआ है। 24 लाख से ज्यादा छात्रों वाली प्रवेश परीक्षा कई अनियमितताओं के आरोपों के कारण विवाद का केंद्र बन गई है। अब नीट-यूजी पेपर लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रांची से एक छात्रा को गिरफ्तार किया है।
RIMS की द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कुमारी गिरफ्तार
सीबीआई ने बताया कि नीट-यूजी पेपर लीक मामले में रांची के राजेंद्र इंस्टीट्य़ूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आरआईएमएस) की द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि कुमारी को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह, पेपर लीक के तार आरआईएमएस से भी जुड़ गए हैं। सीबीआई का कहना है कि सुरभि पर नीट-यूजी परीक्षा के अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र हल किए थे। इस तरह से सॉल्वर गैंग के साथ छात्रा की कथित संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
इससे कुछ दिन पहले 16 जून को सीबीआई ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर, हजारीबाग के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य को गिरफ्तार किया था। पंकज कुमार पर आरोप था कि उन्होंने हजारीबाग में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के बक्से से नीट-यूजी पेपर चुराया था। बोकारो निवासी पंकज कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया।
नीट यूजी विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ
- 5 मई को देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट यूजी का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे।
- परीक्षा आयोजित होने के बाद से ही इसका पेपर लीक होने के आरोप लगने शुरू हो गए। 6 मई को पेपर लीक की आशंका पर पटना पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की। केंद्रीय एजेंसियों की सूचना पर पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में इसको लेकर एक प्राथमिकी भी दर्ज की।
- पेपर लीक की जांच का मामला 10 मई शुक्रवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दिया गया।
- कार्यवाही में पटना पुलिस की ईओयू ईकाई ने 11 मई को चार परीक्षार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया।
- पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई और मामला न्यायालय में पहुंचा। याचिका में परीक्षा को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच कराने की गुहार लगाई गई।
- पेपर लीक के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई। उम्मीदवारों के एक समूह ने नए सिरे से नीट-यूजी 2024 परीक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
- 4 जून को नीट यूजी की अंतिम उत्तर कुंजी जारी हुई, उसके कुछ घंटो बाद ही एनटीए ने सभी को चौंकाते हुए नीट यूजी का रिजल्ट भी घोषित कर दिया। जारी कार्यक्रम के अनुसार, नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को जारी होने था, जोकि निर्धारित तिथि से 10 दिन पहले 04 जून को ही घोषित कर दिया गया।
- इस वर्ष रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने रैंक-1 हासिल की। नीट के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि नीट में टॉपर्स की संख्या इतनी अधिक हो। वहीं, "Loss of Time" क्राइटेरिया के तहत कुछ उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए।
- रिजल्ट घोषित होने के बाद देशभर से मेडिकल अभ्यर्थियों ने अंकों में अनियमितता का आरोप लगाया। एनटीए ने परिणाम में किसी भी तहर की अनियमितता से इनकार किया।
- विवाद धीरे-धीरे बढ़ता चला गया और इसने राजनीतिक रूप ले लिया।
- देशभर से परीक्षा में धांधलेबजी के आरोप लगने लगे और मामले की उच्च स्तरीय जांच और परीक्षा पुनःआयोजित कराने की मांगे उठने लगीं।
- 08 जून को एनटीए की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देशभर से उठ रहे सभी सवालों और आरोपों पर स्पष्टता दी गई, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया और विवाद ने विकराल रूप धारण कर लिया।
- 11 जून को नीट यूजी को रद्द करने और फिर से आयोजित कराने की गुहार के साथ दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है, न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पास उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं परीक्षा रद्द करने से भी मना कर दिया।
- 13 जून को नीट परीक्षा विवाद को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से नीट-यूजी 2024 के 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स (कृपांक) देने का निर्णय वापस ले लिया गया है। ऐसे उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। इसके नतीजे 30 जून को आएंगे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि वह NEET-UG 2024 की काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा।
- इसी बीच एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली यूजीसी नेट परीक्षा को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया। परीक्षा 18 जून को आयोजित हुई थी।
- इसके बाद, एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली सीएसआईआर और एनबीईएमएस द्वारा आयोजित की जाने वाली नीट पीजी परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया।
- एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया गया।
- मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई।
- सीबीआई ने 23 जून को पहली एफआईआर दर्ज की।