मध्‍य प्रदेश के 11 पुलिस अधिकारियों को मिला उत्कृष्ट विवेचना का केंद्रीय पदक

मध्य प्रदेश के 11 पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट विवेचना के लिए वर्ष 2021 के यूनियन होम मिनिस्टर्स मैडल फॉर एक्सीलेंस इन इंवेस्टीगेशन अवार्ड प्रदान किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी पत्र के अनुसार निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह, आलोक श्रीवास्तव, अनिमेष कुमार द्विवेदी, सुनील लाटा, जितेंद्र सिंह भास्कर, रेवल सिंह बर्डे, अभय नेमा तथा उप निरीक्षक आकांक्षा सहारे, आरती धुर्वे, रामप्यारी धुर्वे और अंजू शर्मा को उत्कृष्ट विवेचना के लिए यह मैडल प्रदान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इस पदक की स्थापना 2018 में विवेचना में उधा व्यावसायिक मापदंडों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। इस वर्ष पूरे देश में 152 पुलिस अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। इनमें सर्वाधिक 15 अधिकारी सीबीआइ के हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के 11-11 अधिकारियों को यह पदक प्राप्त हुआ है, जिससे राज्यों की श्रेणी में इन राज्य के सर्वाधिक अधिकारी हैं।

यह रहा योगदान

उमेश प्रताप सिंह- सिंगरौली जिले के थाना नवानगर में दर्ज प्रकरण की जांच की। महिला पानपति विश्वकर्मा ने डेढ़ साल की नातिन की कुएं में फेंककर हत्या कर दी थी। महिला को मृत्युदंड से दंडित किया गया है।

आलोक श्रीवास्तव- भोपाल के कमला नगर थाने में नौ वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। जांच के साक्ष्यों के आधार पर तीन दिन में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। अदालत ने हत्या व दुष्कर्म के अपराध में अलग-अलग मृत्युदंड की सजा सुनाई।

अनिमेष कुमार द्विवेदी- रीवा जिले के चोरहटा थाने में दो वर्ष की बालिका से किए गए दुष्कर्म मामले में तीन दिन में विवेचना पूर्ण कर चालान पेश किया। कोर्ट ने शीतला दुबे को तिहरे आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया।

आकांक्षा सहारे- सिवनी जिले के कोतवाली थाने में पांच वर्षीय बालिका से दुष्कर्म मामले में 19 दिन में विवेचना पूर्ण की। कोर्ट ने विक्की तिवारी को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।

सुनील लाटा- बैतूल जिले के थाना चिचौली में नाथू बारस्कर ने रस्सी से पत्नी का गला घोंटकर हत्या कर दी थी। पांच दिन में विवेचना पूर्ण कर चालान पेश किया। कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।

जितेंद्र सिंह भास्कर- खंडवा जिले के मांधाता थाने में रामलाल भास्र्ड़ व कड़वी बाई ने संपत्ति विवाद में भाई श्यामलाल भारूड़ की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।

आरती धुर्वे- मंडला जिले के कोतवाली थाने में छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में आठ दिन में चालान पेश किया। कोर्ट ने लकी वंशकार को अलग-अलग धाराओं में 20 साल की सजा सुनाई।

रेवल सिंह बर्डे- रतलाम जिले के माणकचौक थाने में पांच वर्षीय बालक के अपहरण और हत्या के मामले में जांच की। दोषी सोहेल अंसारी को आजीवन कारावास व अपराध में सहयोगी कश्मीरा अंसारी को सात साल की सजा सुनाई।

रामप्यारी धुर्वे- मंडला जिले के बिछिया थाने में पाक्सो एक्ट के प्रकरण में सात दिन में आरोपित को गिरफ्तार किया। 20 दिन में सभी कार्रवाई पूर्ण कर चालान पेश किया। कोर्ट ने नितिन को अलग-अलग धाराओं में 10, पांच व तीन वर्ष की सजा सुनाई।

अंजू शर्मा- खंडवा जिले के मूंदी थाने में 15 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म मामले में जांच की। कोर्ट ने दीपक को 20 साल की सजा दी।

अभय नेमा- इंदौर जिले के महू थाने में चार वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मामला दर्ज किया। 13 दिन में जांच कर अभियोजन पत्र पेश किया। कोर्ट ने दोषी को दोहरे मृत्युदंड से दंडित किया।

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