भोपाल में हाल ही में सामने आए कथित लव-जिहाद और ब्लैकमेलिंग प्रकरण की जांच के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंप दी है। तीन दिनों तक चली इस जांच का नेतृत्व झारखंड की पूर्व डीजीपी निर्मल कौर ने किया था। रिपोर्ट में कई गंभीर आरोप सामने आए हैं।
प्रेमजाल में फंसा कर शोषण, जबरन धर्मांतरण की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल में कई छात्राओं को प्रेम के झांसे में फंसा कर उनके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। जांच टीम ने यह भी पाया कि पीड़ित लड़कियों पर मतांतरण के लिए दबाव बनाया गया। आयोग ने इन घटनाओं के पीछे एक संगठित नेटवर्क की आशंका जताई है, जिसे विदेशी फंडिंग मिलने का भी संदेह है।
शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर सवाल
जांच में कुछ निजी शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ संस्थानों ने सरकारी योजनाओं और ज़मीन का अनुचित लाभ उठाकर शिक्षा के नाम पर व्यावसायिक धंधा खड़ा किया है, जहां छात्रवृत्ति और सुविधाओं की आड़ में ऐसे अपराध फल-फूल रहे हैं।
महंगे तोहफों का लालच देकर फंसाया जाल में
आयोग की टीम ने बताया कि आरोपियों ने छात्राओं को महंगे उपहार, ब्रांडेड कपड़े और बाइक जैसी चीजें देकर अपने जाल में फंसाया। इनका रहन-सहन उनकी आर्थिक स्थिति से मेल नहीं खाता, जिससे संदेह हुआ कि इनके पास अवैध तरीकों से पैसा आ रहा है, जिसमें नशीली दवाओं की तस्करी भी हो सकती है।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, एक अब भी फरार
पुलिस ने इस मामले में फरहान, शाद, अली, साहिल और नबील नाम के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, एक अन्य आरोपी अबरार अब भी फरार है। महिला आयोग ने इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, साथ ही पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने की सिफारिश भी की है।
क्लब 90 पर कार्रवाई, नशीला पदार्थ देकर किया गया शोषण
इस मामले में क्लब 90 रेस्टोरेंट का नाम भी सामने आया है, जहां आरोपित छात्राओं को ले जाकर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर शारीरिक शोषण करते थे। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए क्लब के अवैध हिस्से को गिरा कर उसे सील कर दिया है। पुलिस को आरोपियों के पास से कई आपत्तिजनक वीडियो भी मिले हैं, जो ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।