मध्य प्रदेश के खंडवा में एक मस्जिद में बिहार से आए इमाम को बिना पूर्व सूचना ठहराने पर पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने मस्जिद के सदर और इमाम के खिलाफ 9 सितंबर को मामला दर्ज किया। आरोप है कि बाहरी व्यक्ति के ठहरने की सूचना संबंधित थाने को नहीं दी गई थी।
यह मामला सामने आने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खंडवा पुलिस पर सवाल उठाए। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि यह कार्रवाई असंवैधानिक है और खंडवा के एसपी को संविधान का अनुच्छेद 19 पढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने पूछा कि मस्जिद में किसी इमाम को रुकवाना अपराध कैसे हो सकता है? ओवैसी ने कहा कि यह मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है और पूछा कि क्या बीएनएस की धारा 223 संविधान से ऊपर है?
पुलिस का पक्ष
इस पर खंडवा पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों और जिला दंडाधिकारी के आदेशों के तहत की गई है। एसपी मनोज कुमार राय ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू है और ऐसे में बाहरी व्यक्तियों के ठहरने की जानकारी स्थानीय थाने को देना अनिवार्य है। लेकिन मस्जिद समिति ने इसकी जानकारी नहीं दी। इसी आधार पर मस्जिद के सदर हाजी हनीफ खान और बिहार निवासी अख्तर रजा पर धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) के तहत केस दर्ज किया गया।