बैतूल जिले के ग्राम खैरा में मिसाल देने वाला बंटवारा हुआ

बैतूल जिले के ग्राम खैरा में एक मिसाल देने वाला बंटवारा हुआ है। दरअसल आदिवासी किसान की मौत के बाद उसकी संतानों के परवरिश की जिम्मेदारी उसी के तीन भाइयों ने ली है। तीनों भाइयों द्वारा जिम्मेदारी का बंटवारा चर्चा का विषय बन गया है।

जानकारी के अनुसार उन्होंने भरी पंचायत में माना कि अब ये हमारे बच्चे हैं। बता दें कि बैतूल के आदिवासी विकासखंड के जामुन ढाना पंचायत के ग्राम खैरा में आदिवासी चैतू इवने की पिछले साल 17 जनवरी को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। चैतू के चार बच्चे हैं, जिनमें एक बेटी की शादी हो चुकी है। दो बेटियां और एक बेटा नाबालिग हैं। चैतू की मृत्यु के बाद परिवार के सामने बच्चों की परवरिश की चिंता थी।

भरी पंचायत में कहा- ये बच्चे अब हमारे हैं
विचार-विमर्श के बाद चैतू के तीनों भाई आगे आए और तीनों ने एक-एक संतान की जिम्मेदारी ले ली। चैतू की मौत के बाद समाज की पंचायत बैठी। तीनों बच्चों को तीन भाइयों ने गोद ले लिया। 17 साल की सविता इवने, 15 साल की कविता इवने और 13 साल के राकेश को गोद लेने पर सहमति बनी। चाचा चैतराम ने राकेश को गोद ले लिया, करण ने कविता को और चैपा ने सविता को बेटी बनाया। उन्होंने भरी पंचायत में माना कि अब ये हमारे बच्चे हैं। ये एक ऐसा बंटवारा है जिसके बाद खुशियां आई हैं। 

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