भोपाल की टॉपर जागृति ने बताया कैसे हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क के सहारे दूसरी बार यूपीएससी में पाई सफलता

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट शुक्रवार को जारी दिया गया है। इस परीक्षा में महिला वर्ग में टॉप और ओवरऑल में दूसरी रैंक हासिल करने वाली 24 वर्षीय जागृति अवस्थी ने बताया कि एक आईएएस बनना उनका बचपन का सपना था, लेकिन कठिन परिश्रम और स्मार्ट वर्क से उन्होंने इसे पूरा किया।

भोपाल की रहने वाली जागृति अवस्थी ने मौलाना आजाद नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) की पासआउट हैं। उन्हें इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री 2016 में पास की थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने गेट (GATE) की परीक्षा पास की और भेल में बतौर टेक्निकल ऑफिसर नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। लेकिन 2019 में उन्होंने अपने आईएसएस अफसर बनने के बचपन के सपने को पूरा करने की ठानी।

इसके लिए उन्होंने दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन लेकर तैयारी शुरू कर दी लेकिन कोरोन महामारी  के कारण उन्हें भोपाल लौटना पड़ा। जागृति ने बताया, ” कोराना और लॉगडाउन मेरे लिए एक बाधा बन गया था लेकिन यह मुझे रोक नहीं पाया। मैं वापस आई और ऑनलाइन क्लासेस ज्वॉइन कर लीं।”


“मेरे पिता एससी अवस्थी एक होमियोपैथ हैं और मेरा भाई सुयश अवस्थी एक एमबीबीएस सेकंड ईयर का छात्र है। दोनों ने मुझे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मदद की।”

“जब मैनें प्रिपेरेशन शुरू की थी तो 8-10 घंटे पढ़ती थी। 2019 में पहली बार परीक्षा में बैठी लेकिन प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई। मुझे अहसास हुआ कि हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी करना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने बहुत से क्यूश्चन पेपर्स की प्रैक्टिस की और अब मैं खुश हूं कि दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।”

जागृति अपनी सफलता का श्रेय अपनी मांग मधुलता अवस्थी को देती हैँ जिन्होंने बेटी की पढ़ाई में मदद करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी।

उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने पिछले 4 सालों से टीवी नहीं देखा, पहले वे चाहते थे कि भाई नीट परीक्षा क्लीयर कर ले इसके जागृति की पढ़ाई के लिए उन्होंने टीवी ऑन नहीं किया। जागृति की मां एक स्कूल टीचर थीं लेकिन जागृति की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। 

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