राज्य में सुगम, सुरक्षित और विनियमित यात्री परिवहन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए “मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा” शुरू करने कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया है। इस योजना की शुरुआत के लिए राज्य सरकार ने 101 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। योजना के तहत ग्रामीण और साधारण मार्गों पर संगठित बस परिवहन सेवा को विकसित करने के लिए निजी बस ऑपरेटर्स की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह योजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत लागू की जाएगी, जिससे बस संचालन, अधोसंरचना निर्माण और विनियमन में पारदर्शिता आएगी।
बस परिवहन के लिए नया मॉडल लागू होगा
राज्य सरकार ने परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एकीकृत परिवहन मॉडल तैयार किया है। इसमें बस अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। जिसमें PPP मॉडल के तहत बस स्टैंड, बस डिपो और अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा। वहीं, बस संचालन एवं संधारण पर काम होगा। इसमें निजी ऑपरेटर्स को IT प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इसके अलावा सख्त निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। इसमें बस सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सर्विस लेवल एग्रीमेंट (SLA) और की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (KPI) पर आधारित निगरानी होगी।
सात संभागीय कंपनियां होंगी गठित
वर्तमान में मध्यप्रदेश के 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (SPVs) कंपनियां कार्यरत हैं। इनमें से 16 कंपनियां सक्रिय हैं, जबकि चार कंपनियां निष्क्रिय हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी को मिलाकर सात संभागीय कंपनियों में विलय किया जाएगा। इन कंपनियों का संचालन राज्य स्तरीय एक होल्डिंग कंपनी के माध्यम से किया जाएगा, जो पूरे सिस्टम की निगरानी करेगी।
निगरानी के लिए आधुनिक IT प्लेटफॉर्म
यात्रियों की सुविधा और बस संचालन की प्रभावी निगरानी के लिए एक उन्नत IT प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जिसमें यात्री मोबाइल ऐप के जरिए बसों की ट्रैकिंग, सीट उपलब्धता और यात्रा प्लानिंग कर सकेंगे। बस ऑपरेटर्स के लिए वीडियो ऑडिट सॉफ्टवेयर, MIS डैशबोर्ड और रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा रहेगी। सभी संभागीय और राज्य स्तरीय कार्यालयों में कंट्रोल एवं कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे। बस, ऑटो, टैक्सी, ई-स्कूटर और मेट्रो सेवाओं को एकीकृत करने के लिए ट्रैवल ऐप तैयार किया जाएगा।
बस संचालन के लिए नई कार्ययोजना
परिवहन सुविधा को प्रभावी और सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं—ग्रामीण एवं साधारण मार्गों का सर्वेक्षण होगा। वित्तीय दृष्टि से व्यवहार्य बस रूट्स की पहचान की जाएगी। निविदा प्रक्रिया से चयन किया जाएगा। निजी ऑपरेटर्स को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत अनुबंधित किया जाएगा। परिवहन पर्यावरण-अनुकूल परिवहन रहेगा। ई-बस और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों का विकास किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त की जाएगी। परिवहन सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकारी संपत्तियों का प्रबंधन किया जाएगा।
जिला स्तर पर भी बनेगी मॉनिटरिंग समिति
जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें सांसद, विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति बस परिवहन की प्रभावी निगरानी करेगी और रूट परिवर्तन, बस स्टॉप विकास और चार्जिंग स्टेशनों को लेकर सुझाव देगी।
सात प्रमुख संभागीय कंपनियों की भूमिका
सरकार द्वारा गठित होल्डिंग कंपनी के तहत सात संभागीय कंपनियां कार्य करेंगी, जिनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा शामिल हैं। ये कंपनियां यात्री बस परिवहन सेवा का संचालन करेंगी। आईटी प्लेटफॉर्म के जरिए मॉनिटरिंग करेंगी। निजी ऑपरेटर्स के साथ समन्वय स्थापित करेंगी।
परिवहन व्यवस्था को मिलेगी नई दिशा
इस नई योजना से मध्यप्रदेश में पहली बार संगठित और तकनीकी-आधारित परिवहन सेवा का विकास होगा। निजी भागीदारी के जरिए यात्री सुविधा में सुधार होगा और राज्य में सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी।
शासकीय सेवकों के भत्तों में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्तों का पुनरीक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, कर्मचारियों को वर्तमान में मिलने वाले विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी की जाएगी। इस बदलाव से राज्य सरकार पर लगभग 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक खर्च आएगा। शासकीय सेवकों के लिये सातवें वेतनमान में देय मूल वेतन के आधार पर A श्रेणी के नगरों के लिए 10%, B श्रेणी के नगरों के लिए 7%, C एवं D श्रेणी के नगरों के लिए 5% के आधार पर गृह भाडा भत्ता प्रदान किया जायेगा। दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, ठहरने की पात्रता, प्रदेश के बाहर यात्रा के दौरान स्थानीय परिवहन, स्थानांतरण पर घरेलू समान का परिवहन एवं स्थानांतरण अनुदान, स्थायी यात्रा भत्ता में मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि, की जायेगी। इसके साथ ही अतिरिक्त कार्य के लिए दोहरा भत्ता, राज्य शासन के पात्र चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों को दिये जाने वाला अव्यवसायिक भत्ता, सचिवालयीन भत्ता एवं मंत्रालयीन अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता की स्वीकृति दी गयी है। इसके साथ ही शासकीय सेवकों की मृत्यु पर परिवार को देय अनुग्रह अनुदान वर्तमान में निर्धारित पात्रता का 2.57 गुणक के आधार पर अधिकतम 1 लाख 25 हजार रूपये तक दिया जाएगा। मंत्रालय भवन में संचालित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली संचालनालय एवं राज्य सत्कार अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शासकीय सेवकों को भी मंत्रालय के समकक्ष अधिकारियों के समतुल्य मंत्रालय भत्ता दिया जायेगा।
माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर पवित्र क्षेत्र घोषित
मंत्रिमंडल ने छतरपुर जिले के लवकुशनगर स्थित माता बम्बरबैनी के प्राचीन मंदिर को पवित्र क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया है। यह मंदिर क्षेत्र 0.012 हेक्टेयर और 30.375 हेक्टेयर जमीन पर फैला है।