अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के डिप्टी डायरेक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। उन्हें एक लाख की रिश्वत लेते हुए शनिवार को सीबीआई ने भोपाल में गिरफ्तार किया है। एम्स डिप्टी डायरेक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह को एक बिल पास करना था जो करीब 40 लाख रुपए का था। बिल पास करने के पहले उन्होंने रिश्वत की मांग की थी।
जाल बुनकर ऐसे किया गिरफ्तार
डिप्टी डायरेक्टर ने जिस व्यक्ति से रिश्वत मांगी थी उसने सीबीआई से शिकायत कर दी। इसके बाद सीबीआई ने धीरेंद्र प्रताप सिंह को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक रिश्वत देने वाले व्यक्ति से धीरेंद्र प्रताप सिंह को शाहपुरा के एक रेस्टोरेंट में बुलाने के लिए कहा गया। शनिवार को दोपहर में धीरेंद्र प्रताप सिंह रिश्वत की राशि लेने रेस्टोरेंट पहुंचे। वहां शिकायतकर्ता के साथ पहुंची सीबीआई टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। सीबीआई की कार्रवाई के दौरान शाहपुरा रेस्टोरेंट में हड़कंप मच गया। यहां से धीरेंद्र प्रताप सिंह को लेकर सीबीआई टीम औपचारिक कार्रवाई के लिए चार इमली स्थित दफ्तर पहुंची।
डिप्टी डायरेक्टर सिंह ने मांगा था पांच फीसदी हिस्सा
एम्स में दवा सप्लाई करने वाले एक फार्मासिस्ट से डिप्टी डायरेक्टर ने 40 लाख के बिल में पांच प्रतिशत की रकम रिश्वत के रूप में मांगी थी। रिश्वत की राशि नहीं मिलने पर उसके बिल को करीब छह महीने से लटकाकर रखा हुआ था। फार्मासिस्ट ने परेशान होकर सीबीआई को शिकायत की। इसके बाद सीबीआई एक्शन में आई और रिश्वत की पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपए की राशि लेते हुए उसे अरेस्ट किया।
एम्स भी पहुंची सीबीआई की टीम
सीबीआई की टीम ने शाहपुरा में डिप्टी डायरेक्टर सिंह को रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया। इसके बाद उन्हें लेकर वह उनके एम्स स्थित ऑफिस पहुंची। सीबीआई टीम ने उनके ऑफिस की भी तलाशी ली। वहां कागजातों की छानबीन की गई और फार्मासिस्ट के बिल संबंधी दस्तावेज को जुटाया गया।