मध्य प्रदेश विधानसभा में पहली बार विपक्ष के नेता ने शराब की कीमतों और उसकी अवैध बिक्री का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि प्रदेश की शराब दुकानों पर ग्राहकों से एमआरपी से अधिक कीमत वसूली जा रही है। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति शराब लेने जाता है, तो दुकानदार साफ कहता है कि तय दर से ज्यादा पैसे देने होंगे, नहीं तो दुकान छोड़ दीजिए।”
उमंग सिंघार ने सदन में बताया कि उन्होंने इस गंभीर मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसे आबकारी आयुक्त के पास भेजा गया। इसके बाद राज्यभर से 5,000 से अधिक अवैध शराब बिक्री की शिकायतें दर्ज हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि रोजाना करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन एक संगठित सिंडिकेट के माध्यम से किया जा रहा है।
सरकार ने माना– मिल रही हैं शिकायतें
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से भी यह स्वीकार किया गया कि शराब के दामों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि, विपक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार इस व्यापार में लिप्त ‘बड़े मगरमच्छों’ को संरक्षण दे रही है और सिर्फ छोटे स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।
उधार लेकर विदेश यात्राएं, कुपोषण पर खर्च नहीं: सिंघार
सदन में सरकार की वित्तीय नीतियों पर सवाल उठाते हुए सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश ₹4.5 लाख करोड़ के भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री विदेश यात्राओं पर खर्च कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार कुपोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर काम करने की बजाय, उसकी ब्रांडिंग पर हर दिन 1.5 करोड़ रुपये फूंक रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल
स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 1.31 लाख से अधिक आयुष्मान कार्डधारकों को इलाज के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ा। प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी है। हजारों प्राथमिक और उप-स्वास्थ्य केंद्र बिना चिकित्सकों के ही चलाए जा रहे हैं।
अपराध बढ़ने का लगाया आरोप
सिंघार ने दावा किया कि राज्य में अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों में 250 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई है और हर दिन औसतन सात अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की महिलाएं बलात्कार का शिकार हो रही हैं। उनका कहना था कि 2023 के बाद से प्रदेश में ‘गुंडाराज’ कायम है।
"पद की चिंता नहीं, अभी दे सकता हूं इस्तीफा"
सत्र के दौरान उमंग सिंघार ने कहा, “मैं किसी पद का मोह नहीं रखता। जरूरत पड़े तो अभी इस्तीफा देने को तैयार हूं।” उन्होंने सरकार पर तीखा हमला जारी रखते हुए खुद को जनता के मुद्दों के लिए समर्पित बताया।