मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में अहम गिरफ्तारी हुई है। चेन्नई से गिरफ्तार श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोविंदन रंगनाथन को मध्य प्रदेश एसआईटी ने गिरफ्तार कर छिंदवाड़ा के परासिया कोर्ट में पेश किया। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और कोर्ट परिसर के बाहर भारी पुलिस तैनाती रही।

रंगनाथन को चेन्नई से नागपुर तक फ्लाइट के जरिए और नागपुर से कार के काफिले में लेकर छिंदवाड़ा लाया गया। पुलिस की योजना है कि अदालत से उन्हें पुलिस रिमांड पर लिया जाए और इस दौरान जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि सिरप बनाने में किन अनियमितताओं की गईं और इसे बेचने में किन लोगों का सहयोग लिया गया।

मृत बच्चों की संख्या 23 तक पहुंची
इस जहरीले सिरप से अब तक कुल 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। छिंदवाड़ा में मरने वाले बच्चों की संख्या 20 है, वहीं बैतूल में दो और पांढुर्ना में एक बच्चे की मौत हो चुकी है। गुरुवार को मोरडोगरी परासिया निवासी एक साल के गर्विक पवार की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रशासन ने दो और बच्चों की मौत की खबर की पुष्टि अभी नहीं की है।

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीली खांसी की सिरप से बच्चों की मौत के मामलों पर CBI जांच और देशभर में दवा सुरक्षा समीक्षा की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति उज्जल भूयान और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका खारिज की।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल अखबार की खबर पढ़कर अदालत पहुंच जाते हैं, जबकि तमिलनाडु और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने गंभीर कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्यों में दवा कानूनों को लागू करने की व्यवस्था पहले से मौजूद है।