भोपाल/छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि मानव जीवन से जुड़े मामलों में किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा प्रकरण में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस क्रम में औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित किया गया है, जबकि ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में उच्चस्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
दवा की बिक्री पर प्रतिबंध और रिकवरी अभियान
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाई जाए और दुकानों में उपलब्ध स्टॉक जब्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से इसे रिकवर करने के लिए अभियान चलाया जाए। इस कार्य में आशा और उषा कार्यकर्ताओं के साथ सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सहयोग करेंगे।
ड्रग्स के प्रभाव और चेतावनियों की जांच के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग न देने वाले नियमों का पालन न करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
जागरूकता और सुरक्षा के कदम
मुख्यमंत्री ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स और केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग से आवश्यक सावधानियां अपनाने और लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाने को कहा। उन्होंने निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए तमिलनाडु सरकार को सूचित करने के निर्देश भी दिए।
जांच और मरीजों की सुरक्षा
बैठक में बताया गया कि गंभीर मामलों की जानकारी मिलने पर राज्यस्तरीय चिकित्सकों की टीम छिंदवाड़ा पहुंची। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का भी सहयोग लिया गया। आठ मरीजों के नमूने पुणे भेजे गए और विभिन्न दवाओं के सैंपल लेकर उनकी जांच कराई गई।
छिंदवाड़ा और परासिया में निजी चिकित्सकों, अस्पतालों और केमिस्टों के साथ बैठक कर स्थिति का आकलन किया गया। प्रभावित मरीजों की पहचान के लिए सर्वे शुरू किया गया और आवश्यकता पड़ने पर उनका इलाज नागपुर स्थित सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में कराया जाएगा।
अंतरराज्यीय कदम
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी जानकारी दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर ने कोल्ड्रिफ सिरप की जांच में नमूनों को अमान्य पाया और तुरंत प्रदेश में बिक्री पर रोक लगाई। दोषियों के खिलाफ निलंबन और एफआईआर दर्ज की गई।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है और मानव जीवन से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।