मध्य प्रदेश में अगस्त में अनलॉक होंगे कॉलेज,

मध्यप्रदेश में कोरोना काबू में आने और वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने से अगस्त माह से कॉलेज खोलने की तैयारी है। बस, कॉलेज में एंट्री से पहले टीचर, स्टूडेंट व अन्य स्टाफ को टीके की कम से कम एक डोज लगवाना अनिवार्य होगा। कॉलेज-स्कूल खोलने को लेकर मंत्री समूह की बैठक में सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे। बैठक में स्कूल खोलने को लेकर फिलहाल सैद्धांतिक तौर पर सहमति नहीं बन पाई है। इसी तरह एमपी बोर्ड 12वीं के रिजल्ट पैटर्न को लेकर मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं। इस पर 28 जून को फैसला होगा।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि कॉलेज-स्कूल खोलने और 12वीं के रिजल्ट को लेकर मंत्री समूह की बुधवार देर शाम मंत्रालय में बैठक हुई। जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया सहित चारों विभागों के अफसर मौजूद रहे।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में उच्च शिक्षा विभाग ने मंत्रियों के सामने कॉलेज खोलने को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। इसमें कहा गया कि चूंकि प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ गई है और 18 साल से अधिक आयु के 77 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। इसके साथ ही कोरोना भी काबू में है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए कॉलेज खोले जा सकते हैं। इसको लेकर सभी मंत्रियों ने सुझाव दिया कि जुलाई तक 18 से 25 साल तक के अधिकांश लोगों को पहला डोज लग जाएगा। ऐसे में अगस्त में कॉलेज खोले जा सकते हैं।

इसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि फिजिकल तौर पर कॉलेज को खोलने पर विचार विमर्श किया गया है। जिन्हें वैक्सीन का एक डोज भी लग गया है, उन्हें कक्षा में प्रवेश दिया जा सकता है। संभावना है कि कोविड नियमों के साथ अगस्त में कॉलेज खोले जा सकते हैं, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही करेंगे।

काॅलेज खोलने को लेकर मुख्यमंत्री दे चुके हैं संकेत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा था कि लाेगों ने वैक्सीनेशन के महायज्ञ में भागीदारी की है। इसकी रफ्तार यही रही तो कॉलेज, कोचिंग सेंटर और सिनेमा हॉल को खोलने पर विचार करेंगे। प्रदेश में कॉलेज छह माह पहले 50% क्षमता के साथ खुले थे, लेकिन अप्रैल में बंद कर दिए गए थे, जबकि कोचिंग सेंटर सवा साल से बंद हैं।

स्कूल खोलने का सारंग ने किया था विरोध
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, बैठक के दौरान स्कूल खोलने को लेकर जब विचार किया गया। इस दौरान विभाग ने कोरोना के काबू होने के साथ वैक्सीनेशन के बढ़ते आंकड़े बताकर स्कूल खोलने की कही। इस पर सारंग को छोड़कर अन्य मंत्रियों ने इस पर सहमति दे दी, लेकिन विश्वास सारंग ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना कंट्रोल में है, लेकिन तीसरी लहर की संभावना है। एक्सपर्ट भी इसका बच्चों पर ज्यादा असर होने की चेतावनी दे चुके हैं। इसके बाद सारंग के सुझाव को ही माना।

बैठक के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर मंत्रियों में सहमति नहीं बन पाई है। फिलहाल बच्चों को लेकर रिस्क नहीं लिया जा सकता है। बैठक में आए सुझावों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद ही स्कूल खोलने को लेकर निर्णय होगा।

10वीं के 5 विषयों के नंबर जोड़ने का सुझाव
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि बैठक में एमपी बोर्ड 12 वीं का रिजल्ट पैटर्न फाइनल करने को लेकर भी विचार किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग ने सीबीएसई के पैटर्न से ही एमपी बोर्ड का रिजल्ट बनाने का सुझाव दिया, लेकिन मंत्रियों ने कहा कि 10वीं के सिर्फ 3 विषयों के अंक जोड़ने से बच्चों का रिजल्ट खराब होगा। मंत्री सारंग ने सुझाव दिया कि 10वीं के 5 विषयों के अंकों के मूल्यांकन को आधार बनाया जाए। इसको लेकर मंत्री परमार ने बताया कि बैठक में मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं। अब 28 जून को बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।

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