जबलपुर में सोने का भंडार मिलने की पुष्टि, बदल सकती है इलाके की तकदीर

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील स्थित महगवां केवलारी गांव के समीप बेला ग्राम पंचायत क्षेत्र में बड़े स्तर पर सोने की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। भूवैज्ञानिकों द्वारा वर्षों से जारी सर्वेक्षण और परीक्षणों के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि इस इलाके की जमीन के नीचे बहुमूल्य धातु—विशेषकर सोना—मौजूद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव ला सकती है।

GSI की टीम ने किया सर्वे, सैंपल में मिले सोने के कण

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम ने महीनों की मेहनत और सघन सैंपलिंग के बाद क्षेत्रीय रिपोर्ट तैयार की। बेला और बिनैका गांवों के बीच खुदाई कर मिट्टी के नमूने लिए गए, जिनमें सोने के अंश मिले हैं। इसके बाद संबंधित विभागों द्वारा क्षेत्र में चिन्हित स्थल पर पिट मार्किंग कर आवश्यक विवरण दर्ज किए गए हैं।

करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हो सकता है स्वर्ण भंडार

सूत्रों के अनुसार, बेला ग्राम पंचायत में स्थित यह संभावित सोने का भंडार लगभग 100 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्र में फैला हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र की भौगोलिक बनावट पहले से ही खनन के लिए अनुकूल रही है और नई खोज के बाद यहां वृहद स्तर पर सोने की खुदाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है जबलपुर

जबलपुर जिला पहले से ही आयरन ओर, मैंगनीज, बॉक्साइट और संगमरमर जैसे खनिजों के लिए जाना जाता रहा है। यहां से निकलने वाले खनिज पदार्थों की मांग न केवल देश में बल्कि विदेशों, विशेषकर चीन में भी काफी है। अब इस नये सोने के भंडार की जानकारी सामने आने के बाद इस जिले की पहचान में एक नया आयाम जुड़ सकता है।

गांव में उत्साह का माहौल, लोगों को दिखा रोजगार का अवसर

खबर सामने आने के बाद बेला गांव और आसपास के इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय निवासी राममिलन प्रजापति ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी जमीन के नीचे सोना मिलेगा। अब उन्हें उम्मीद है कि यह खोज उनके गांव की तस्वीर बदल सकती है और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

सरपंच बोले—अब गांव की दिशा बदलेगी

बेला ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच सुभाष पटेल ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस इलाके की संभावनाओं को हमेशा उठाया था। अब सोने की मौजूदगी की पुष्टि के बाद यह क्षेत्र और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। वहीं वर्तमान सरपंच रामराज पटेल ने उम्मीद जताई कि सरकार यहां खनन के साथ-साथ बुनियादी विकास पर भी ध्यान देगी।

खनन के लिए उपयुक्त भूगोल, निवेशकों की बढ़ी रुचि

सिहोरा, कटनी और आस-पास के क्षेत्रों की मिट्टी और भूगर्भीय परिस्थितियां खनन उद्योग के लिए उपयुक्त मानी जाती रही हैं। यही कारण है कि कई निवेशक इस क्षेत्र की ओर पहले से ही आकर्षित हैं। अब स्वर्ण भंडार की पुष्टि के बाद यह संभावना और प्रबल हो गई है कि भविष्य में यहां बाहरी निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी।

जल्द शुरू हो सकती है खुदाई, उम्मीदों का केंद्र बना इलाका

अगर महगवां केवलारी क्षेत्र में जल्द ही सोने की खुदाई शुरू होती है, तो यह न केवल जबलपुर जिले के लिए बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों और सरकारी एजेंसियों की नजर अब इस क्षेत्र पर है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही अगला चरण शुरू किया जाएगा।

खनिजों से समृद्ध जबलपुर—इतिहास, संस्कृति और अब समृद्धि का केंद्र

नई खोज के बाद बड़ी संख्या में लोग उस क्षेत्र का रुख कर रहे हैं, जहां सैंपलिंग की गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस अवसर का सही उपयोग किया गया तो यह क्षेत्र रोजगार, निवेश और विकास के नए द्वार खोल सकता है। यह खोज यह भी दर्शाती है कि जबलपुर न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि खनिज संपदा की दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध भूमि है।

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