ग्वालियर। ग्वालियर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. भीमराव आंबेडकर पर विवादित टिप्पणी के बाद एससी, एसटी और सवर्ण संगठनों के बीच जारी तनाव बुधवार को भी दिखा। 15 अक्टूबर को प्रस्तावित विरोध आंदोलन प्रशासन के प्रयास से टाल दिया गया था, लेकिन वकीलों के एक गुट ने मिश्रा के जन्मदिन के मौके पर मंदिर में सुंदरकांड पाठ और भंडारे का आयोजन करने की तैयारी कर ली।

प्रशासन ने पहले ही एहतियातन सभी प्रकार के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा रखी थी। जब वकीलों को रोकने के लिए मुस्लिम महिला डीएसपी हिना खान वहां पहुंचीं, तो कुछ वकीलों ने उन्हें सनातन विरोधी बताते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि, डीएसपी हिना खान ने शांतिपूर्वक स्थिति संभाली और खुद जय श्रीराम के नारे लगाकर वकीलों को चुप कराया। उनके इस कदम से आयोजन स्थगित हो गया और संभावित तनाव टल गया।

यह आयोजन मुख्यतः उन वकीलों द्वारा किया जाना था जो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगाने के विरोध में हैं। विवादित टिप्पणी के बाद एससी-एसटी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, जबकि सवर्ण संगठनों ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। प्रशासन ने दोनों पक्षों के टकराव को टालने में सफलता हासिल की।

डीएसपी हिना खान के त्वरित और संतुलित रुख से स्थिति नियंत्रण में रही और किसी भी तरह की हिंसा या अशांति को रोकने में मदद मिली। वकीलों का यह गुट अब भी विवादित मुद्दे पर अपनी पकड़ बनाए हुए है, लेकिन फिलहाल कोई आंदोलन नहीं हुआ।