चार माह बाद जबलपुर में 19 घोड़ों की मौत पर एफआईआर

मध्य प्रदेश के जबलपुर में घोड़ों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। चार माह पहले हैदराबाद से जबलपुर लाए गए 57 घोड़ों में से अब तक 19 की मौत हो चुकी है। प्राइवेट फार्म हाउस में पशु चिकित्सकों की निगरानी में पिछले 20 दिनों में 6 और घोड़ों की मृत्यु हुई।

पशु विभाग ने इस मामले में अब कार्रवाई करते हुए संबंधित कंपनी और केयर टेकर के खिलाफ पनागर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

हैथा नेट इंडिया प्राइवेट कंपनी ने 29 अप्रैल से 3 मई के बीच 57 विभिन्न नस्लों के घोड़ों को पनागर के रैपुरा ग्राम स्थित ठाकुर फार्म में रखा था। घोड़ों के बीमार पड़ने पर केयर टेकर सचिन तिवारी ने पशु विभाग को सूचित किया। जिला कलेक्टर ने ग्लैंडर्स और जूनोटिक रोगों की जांच के लिए रैपिड रिस्पांस टीम गठित की थी।

सभी घोड़ों के ब्लड सैंपल हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे गए थे। रिपोर्ट में केवल एक घोड़े में ग्लैंडर्स के संभावित लक्षण पाए गए, जबकि अन्य घोड़ों की स्थिति में सुधार होने के कारण उन्हें दोबारा जांच के लिए नहीं भेजा गया।

पनागर थाना प्रभारी विपिन ताम्रकार ने बताया कि अब तक हुए घोड़ों की मौत को गंभीरता से लेते हुए, संबंधित कंपनी और केयर टेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पशु विभाग मेडिकल जांच और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर घोड़ों के पुनर्वास के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा।

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