मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी और अजाक्स (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के अध्यक्ष संतोष वर्मा के विवादित बयान को लेकर प्रदेशभर में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। ब्राह्मण समाज की बेटियों पर की गई उनकी टिप्पणी को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए राज्य सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्मा का बयान सिविल सेवा आचरण नियमावली के विपरीत है। अधिकारी को सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।

जानकारी के अनुसार, वर्मा ने रविवार को आयोजित अजाक्स के प्रांतीय सम्मेलन में कहा था कि यदि ब्राह्मण समाज अपनी बेटियों का ‘दान’ करने लगे, तो आरक्षण खत्म हो जाएगा। इस कथन के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। विभिन्न संगठनों ने अलग-अलग जिलों में थानों पर पहुंचकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है। उधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद बुधवार देर रात नोटिस जारी किया गया।

विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें संतोष वर्मा क्रीमी लेयर संबंधी चर्चा के दौरान अपनी बात कहते-कहते आपत्तिजनक टिप्पणी कर देते हैं। बयान के बाद पैदा हुए हंगामे के बीच अब वे सामाजिक समरसता का तर्क दे रहे हैं, लेकिन ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि आरक्षण पर विचार-विमर्श अलग मुद्दा है, पर किसी समुदाय और उसकी बेटियों को अपमानित करना न तो उचित है और न ही क्षम्य।