छिंदवाड़ा जिले में बच्चों में किडनी फेलियर से हो रही मौतों की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि पिछले लगभग एक महीने में यह संख्या 9 तक पहुंच गई है। बुधवार को इलाज के दौरान नागपुर में एक और बच्चे की मौत हो गई, जिससे कुल आंकड़ा 9 हो गया।

किडनी फेलियर से होने वाली मौतों का सिलसिला 4 सितंबर से शुरू हुआ था और केवल एक महीने में ही यह गंभीर स्थिति बन गई। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही इस मामले में सक्रिय हैं और संभावित कारणों की जांच में लगे हुए हैं।

रोजाना 120 बच्चों की स्क्रीनिंग
परासिया एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने बताया कि अब तक लगभग 1,400 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। वर्तमान में रोजाना 120 बच्चों की जांच की जा रही है ताकि बीमारी के संभावित मामलों की जल्द पहचान कर उनका इलाज किया जा सके।

कलेक्टर का बयान
छिंदवाड़ा कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि यह जांच की जा रही है कि बच्चों को कौन-सी दवा दी गई थी। अगर किसी झोलाछाप से दवा दी गई है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, बच्चों में किडनी संक्रमण के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए पानी की भी जांच कराई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन मिलकर प्रभावित बच्चों को उचित इलाज उपलब्ध कराने और बीमारी के कारणों का पता लगाने में युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं।