विक्टोरिया अस्पताल में फर्जी नियुक्ति पर हंगामा, सरकार के जवाब से नाराज़ कांग्रेस ने किया वॉकआउट

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के सातवें दिन की शुरुआत झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने दिवंगत नेता के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।

फर्जी डिग्री का मामला विधानसभा में उठा, कांग्रेस का वॉकआउट

सत्र के दौरान जबलपुर स्थित विक्टोरिया अस्पताल में एक अधिकारी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर विवाद छिड़ गया। कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से यह मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि संबंधित अधिकारी की डिग्री फर्जी है, जिसकी पुष्टि शिक्षा मंत्री स्वयं कर चुके हैं।

विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि उपलब्ध जांच रिपोर्ट में अधिकारी की योग्यता को अवैध नहीं पाया गया है। इस जवाब से असंतुष्ट विपक्षी नेता उमंग सिंघार और वरिष्ठ विधायक अजय सिंह समेत कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

पुरानी पेंशन को लेकर सरकार का स्पष्ट जवाब – विचार नहीं किया जा रहा

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सेना महेश पटेल ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 2005 में एनपीएस लागू होने के बाद कर्मचारियों को भविष्य की वित्तीय सुरक्षा की गारंटी नहीं है। विधायक ने सवाल किया कि जब अन्य राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल की है, तो मध्यप्रदेश इस पर क्यों विचार नहीं कर रहा?

इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर विचार नहीं कर रही है।

ग्वालियर किले में नहीं खुलेगा निजी होटल, सरकार ने दी स्पष्टता

ग्वालियर दक्षिण के विधायक अभिलाष पांडे ने ग्वालियर किले में होटल खोलने की संभावनाओं को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल राज्य की सांस्कृतिक पहचान है, और वहां व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने स्पष्ट किया कि सरकार ग्वालियर किले की विरासत को संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वहां किसी भी निजी होटल की स्थापना की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटन विभाग ने ग्वालियर के महलों के संरक्षण और संवर्धन हेतु एक एमओयू किया है, जिसका उद्देश्य केवल धरोहरों का संरक्षण है, न कि व्यावसायिक उपयोग।

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