भोपाल में मंगलवार को लगातार तेज़ बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर के निचले इलाकों सहित पॉश कॉलोनियों में भी जलभराव की स्थिति बन गई। कोलांस नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है, जिससे बड़े तालाब का जलस्तर तेजी से बढ़ा है।

नगर निगम के कंट्रोल रूम में सुबह सात बजे से नागरिकों के फोन आने लगे और शाम तक जलभराव व पेड़ गिरने से जुड़ी 12 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। नगर निगम की टीमें जल निकासी में जुटी रहीं, लेकिन बारिश ने एक बार फिर शहर की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल दी।

कई प्रमुख सड़कों पर भरा पानी, यातायात प्रभावित

अल्पना तिहारा, भारत टाकीज, प्रशासन अकादमी रोड, बांसखेड़ी, सात नंबर रोड, गायत्री मंदिर क्षेत्र और अंबेडकर फ्लाईओवर के आसपास पानी भरने से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रविशंकर मार्केट और आरबीआई कॉलोनी में पेड़ गिरने से कई घंटे ट्रैफिक बाधित रहा। बांसखेड़ी चौराहे के पास एक मकान में पानी घुसने पर नगर निगम को नाले पर बने सेंट्रल वर्ज को तोड़ना पड़ा ताकि जल निकासी की जा सके।

100 घरों में घुसा पानी, कई इलाकों में रैनी डे घोषित

अयोध्या बायपास स्थित इको ग्रीन पार्क और कोलार रोड की जानकी सोसायटी में 2-3 फीट तक पानी भर गया। इको ग्रीन पार्क में लगभग 100 घरों में जलभराव की स्थिति बनी। एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए। कुछ स्कूलों ने स्वयं ही रैनी डे घोषित कर दिया, जबकि भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद जिला प्रशासन ने छुट्टी की घोषणा नहीं की।

महापौर ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

महापौर मालती राय ने दोपहर में वार्ड 48, 49 और 51 के क्षेत्रों का निरीक्षण किया और प्रभावित नागरिकों से मुलाकात की। उन्होंने नगर निगम कंट्रोल रूम का भी दौरा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

तालाब और डैम का बढ़ता जलस्तर

तेज बारिश से शहर के जलस्रोतों का स्तर तेजी से बढ़ रहा है:

  • बड़ा तालाब: जलभराव क्षमता 1666.80 फीट है, वर्तमान में स्तर 1661.05 फीट।
  • कोलार डैम: क्षमता 1516.40 फीट, वर्तमान स्तर 1492.94 फीट।
  • केरवा डैम: अधिकतम स्तर 1673 फीट, वर्तमान में 1654 फीट पानी।
  • कलियासोत डैम: कुल क्षमता 1659.02 फीट, वर्तमान स्तर 1649.93 फीट।

मंगलवार को पहली बार कलियासोत डैम का गेट परीक्षण के तौर पर खोला गया, जिससे आसपास के क्षेत्र अलर्ट कर दिए गए। जल संसाधन विभाग बड़े तालाब और अन्य स्रोतों के बढ़ते स्तर पर लगातार नजर रख रहा है।