सात साल से अधूरा पड़ा है निगम का परिषद भवन, काम पूरा कराने के बजाय करोड़ों रुपये किराया दे चुके हैं

सात साल से अधूरे पड़े नगर निगम के परिषद भवन का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसके अधूरे काम को जल्द से जल्द पूरा करने और देरी की वजह से हो रहे आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पूर्व पार्षद शेख अलीम, फौजिया शेख ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि सालों पहले परिषद भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है।

परिषद भवन तैयार नहीं होने की वजह से नगर निगम को परिषद सम्मेलन और अन्य बैठकों के लिए निजी हाल किराए पर लेना पड़ते हैं। इस पर एक दिन का खर्च लाखों में आता है। सात साल में किराए पर ही नगर निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं। इतनी रकम का इस्तेमाल परिषद भवन तैयार करने में किया जा सकता था। याचिका में मांग की गई है कि निगम को किराए के रुप में करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की जाए और आदेश दिया जाए कि परिषद भवन का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

निगम ने नए परिषद भवन बनाने का काम 27 अक्टूबर 2014 से शुरू किया था। इसे 21 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। भवन की लागत 11 करोड़ 11 लाख 50 हजार रुपये अनुमानित थी। निर्माण के लिए एजेंसी भी तय हो चुकी थी। निर्माण पूरा करने की समय सीमा तीन साल पहले समाप्त हो चुकी है, लेकिन भवन अब भी अधूरा है। खुद का परिषद भवन अधूरा होने की वजह से निगम की बैठकें महंगी होटलों और सभागृहों में हो रही हैं।

पांच साल में इस पर करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया है कि वे इस संबंध में कई बार तत्कालीन अधिकारियों और महापौर से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता शेख अलीम ने बताया कि याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here