मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में तीन और मासूमों की मौत हुई, जिससे मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई। छिंदवाड़ा में अब तक 17, पांढुर्ना में 1 और बैतूल में 2 बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं, पांच बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

सरकार ने मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी के ऑनर की गिरफ्तारी के लिए छिंदवाड़ा पुलिस की टीम चेन्नई और कांचीपुरम पहुंच चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया हालात का जायजा
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि बच्चों की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार पूरी गंभीरता से इस मामले को देख रही है। उन्होंने कहा कि आईएनएस को हड़ताल न करने का निर्देश दिया गया है और चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की भारत सरकार एवं ICMR की एडवाइजरी का पालन करने की अपील की गई।

शुक्ल ने बताया कि उन्होंने नागपुर जाकर पांच भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। स्वास्थ्यकर्मी बच्चों के बचाव में हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

तीन और बच्चों की मौत
नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में तामिया की धानी डेहरिया (1.5 वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (2.5 वर्ष) की मौत हुई। इससे पहले छिंदवाड़ा में 17, पांढुर्ना में 1 और बैतूल में 2 बच्चों की मौत हो चुकी थी।

सिरप में जहरीले तत्व, निजी चिकित्सकों की लापरवाही
जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दिया था। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी। मेडिकल जांच में सिरप में जहरीले रसायनों की पुष्टि हुई, जो किडनी को नुकसान पहुंचा रहे थे।

प्रशासन ने कसी नकेल
जैसे ही मौतों का सिलसिला बढ़ा, छिंदवाड़ा प्रशासन ने पांच मेडिकल स्टोर सील किए और संदिग्ध सिरप के नमूने लैब में जांच के लिए भेजे। गांव-गांव मुनादी करवाई जा रही है कि कोई भी कफ सिरप बच्चों को न दे।

राजनीतिक बवाल और मुआवजे की मांग
कांग्रेस ने मृतकों के परिवारों के लिए 1-1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता से चल रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

शोक का माहौल
छिंदवाड़ा के कई गांवों में शोक और डर का माहौल है। नागपुर में भर्ती बच्चों के परिजन अस्पतालों में दिन-रात डटे हुए हैं।

विशेष जांच समिति गठित
प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष समिति बनाई है, जो यह पता लगाएगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची और किस स्तर पर लापरवाही हुई। औषधि निरीक्षक दलों को सभी मेडिकल स्टोरों की दवा जांच रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।