मध्य प्रदेश के सीधी जिले की चर्चित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर लीला साहू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने गांव की जर्जर सड़क की स्थिति को उजागर करते हुए एक वीडियो साझा किया था, जो इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ। वीडियो में लीला ने बताया कि वे नौ महीने की गर्भवती हैं, फिर भी गांव की समस्याओं को लेकर आगे आई हैं। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सवाल किया था—”क्या सिर्फ 10 किलोमीटर सड़क नहीं बन सकती?”
सांसद के बयान से भड़की बहस
लीला की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद राजेश मिश्रा ने विवादास्पद टिप्पणी कर दी। उन्होंने सुझाव दिया कि लीला डिलीवरी से पहले अस्पताल में भर्ती हो जाएं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह उन्हें प्रसव की तारीख बता दें, तो वे उन्हें “उठवा लेंगे”। इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
सड़क निर्माण की थी अपील
लीला साहू ने 3 जुलाई को एक वीडियो के ज़रिए खराब सड़क की ओर ध्यान खींचते हुए कहा था कि यदि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सड़क नहीं बनवा सकते थे, तो पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें जानकारी होती कि सांसद यह कार्य नहीं करा सकते, तो वे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से संपर्क करतीं।
पहले भी उठा चुकी हैं आवाज
यह पहला मौका नहीं है जब लीला साहू ने अपने क्षेत्र की सड़क को लेकर सवाल उठाए हों। वह इससे पहले भी कई बार वीडियो के माध्यम से इस विषय को सोशल मीडिया पर उठा चुकी हैं। एक वीडियो तो इतना वायरल हुआ था कि कई राष्ट्रीय मीडिया चैनलों ने उसे प्रसारित किया था। बावजूद इसके, सड़क की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
वन विभाग की अनुमति बन रही अड़चन
इस मामले पर जिला पंचायत रामपुर नैकिन के सीईओ राजीव तिवारी का कहना है कि जिस मार्ग की मरम्मत की मांग की जा रही है, वह वन विभाग की सीमा से होकर गुजरता है। ऐसे में निर्माण कार्य शुरू करने से पहले आवश्यक अनुमति लेना अनिवार्य है।