कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना को सम्मान देने के लिए इंदौर में शुक्रवार को भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत अनेक सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने हिस्सा लिया। यात्रा की शुरुआत बड़ा गणपति चौराहा से हुई और इसका समापन राजवाड़ा पर हुआ।
तिरंगा यात्रा की झलकियां
यात्रा में लगभग 150 स्वागत मंच बनाए गए थे। सबसे आगे डीजे, बीच में बैंड, झांकियां और रथ शामिल थे। विशेष रूप से, पहलगाम हमले में शहीद इंदौर निवासी सुशील नाथनियाल की पत्नी जेनिफर नाथनियाल भी यात्रा का हिस्सा बनीं।
विभिन्न संगठनों की भागीदारी
यात्रा में भाजपा के साथ-साथ सामाजिक, व्यापारिक, औद्योगिक, स्वयंसेवी, महिला और धार्मिक संगठनों ने सक्रिय भूमिका निभाई। नगर निगम द्वारा विशेष तिरंगा रथ तैयार किया गया था, जिसमें चारों तरफ तिरंगा लहराता नजर आया।
विशेष आकर्षण: कर्नल सोफिया कुरैशी का रूप
यात्रा में एक युवती भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के रूप में घोड़े पर सवार होकर शामिल हुई, जो पूरे मार्ग में महापुरुषों के वेश में घुड़सवार दल के साथ रही।
अल्पसंख्यक समुदाय की भी रही भागीदारी
बोहरा समाज के तीन बैंड और मुस्लिम समाज का एक बैंड यात्रा में शामिल हुए। बोहरा समाजजन पारंपरिक वेशभूषा में थे, जबकि मुस्लिम समाज के लोग कुर्ता-पजामा और टोपी में नजर आए। सिख समाज के 1000 लोग भी इस यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे।
विभिन्न समाजों का योगदान
तिरंगा यात्रा में राजपूत समाज, ब्राह्मण समाज, सिंधी समाज, अग्रवाल समाज, पाटीदार समाज, बंजारा समाज, कायस्थ समाज और बंगाली समाज के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। साथ ही, महाराष्ट्रीयन समाज के नागरिक भजन मंडली के साथ पारंपरिक वेशभूषा में दिखे।
खेल और शिक्षा जगत का सहयोग
यात्रा में ओलंपिक संगठन, कुश्ती संगठन और फुटबॉल संगठन के खिलाड़ी भी शामिल हुए। 15 कॉलेजों, स्कूलों और 9 कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थी भी यात्रा में शामिल हुए।
महिला संगठनों और श्रमिक वर्ग की भागीदारी
महिला संगठनों, सब्जी मंडी, अनाज मंडी, मजदूर चौक और भगवा रिक्शा संगठन के लोग भी यात्रा में सम्मिलित हुए। साथ ही, कामगारों के 37 संगठन और डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और अधिवक्ताओं के संगठन ने भी हिस्सा लिया।
भाजपा की तैयारी और व्यवस्था
भाजपा ने इस यात्रा को सामाजिक आयोजन के रूप में पेश किया। यात्रा के मार्ग को आठ हिस्सों में बांटकर विधायकों को जिम्मेदारी दी गई। यात्रा के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई और महापुरुषों के भेष में नागरिक घोड़ों पर सवार होकर यात्रा का नेतृत्व करते दिखे।