मध्य प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान वोटर लिस्ट सर्वे करने वाले दो टीचर-कम-बूथ लेवल ऑफिसरों (BLO) की मौत ने प्रशासन और समाज में चिंता बढ़ा दी है। रमाकांत पांडे और सीताराम गोंड की मौत क्रमशः रायसेन और दमोह जिलों में हुई। मृतकों के परिवार और साथी अधिकारियों का मानना है कि इनकी मौत के पीछे मुख्य वजह काम का अत्यधिक बोझ और लगातार बढ़ते टारगेट रहे।

रमाकांत पांडे मंडीदीप के सतलापुर इलाके में वोटर लिस्ट रिवीजन ड्राइव पर तैनात थे। उनके परिवार ने बताया कि उन्हें लगातार देर रात तक काम करना पड़ता था और डेडलाइन पूरी करने के लिए फोन पर लगातार निर्देश मिलते थे। इसी दबाव और थकान के चलते उनकी अचानक मृत्यु हुई।

दूसरे मृतक सीताराम गोंड दमोह जिले में पोस्टेड थे। इस बीच, रायसेन जिले में एक और BLO नारायण दास सोनी पिछले छह दिन से लापता हैं। पुलिस और उनके परिवार वाले उनकी खोज में जुटे हुए हैं।

विधानसभा क्षेत्र के सब-डिविजनल ऑफिसर और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर चंद्रशेखर श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि रमाकांत पांडे की मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि मतदान प्रक्रिया के लिए कर्मचारियों पर लगातार बढ़ता कार्यभार एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर भविष्य में ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस घटना ने यह सवाल भी उठाया है कि वोटर लिस्ट रिवीजन जैसे अभियान में कर्मचारियों की कार्यशक्ति और स्वास्थ्य का कितना ध्यान रखा जाता है।