महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में गिरफ्तार मूर्ति के ठेकेदार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को 10 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि चेतन पाटिल और जयदीप आप्टे को मालवन की एक अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस ने पूछताछ के लिए उनकी हिरासत मांगी, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें 10 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

कोल्हापुर और कल्याण से हुई थी गिरफ्तारी
जानकारी के मुताबिक शिवाजी की मूर्ति के संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को 30 अगस्त को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि ठेकेदार जयदीप आप्टे को घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज होने के करीब 10 दिन बाद बुधवार रात ठाणे जिले के कल्याण से हिरासत में लिया गया।

'जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है आप्टे'
वहीं मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे के वकील गणेश सोवानी ने कहा कि मूर्तिकार ने बुधवार रात को आत्मसमर्पण करने का इरादा बनाया था और वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार थे। वहीं सुनवाई के दौरान सोवानी ने अदालत से कहा, वह प्रतिमा के डिजाइन और अन्य दस्तावेजों के बारे में सभी विवरण पुलिस को सौंपने के लिए तैयार हैं।

कानून के सामने सभी समान- सीएम शिंदे
वहीं इस मामले में सीएम एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाने वाले जयदीप आप्टे की गिरफ्तारी पर कहा, मैंने पहले भी कहा था, कानून के सामने सभी समान हैं और उसे गिरफ्तार होना ही था, मामले की गहन जांच होगी। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं और जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। मामले का राजनीतिकरण बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

भारतीय न्याय संहिता के तहत दोनों पर दर्ज है FIR 
सिंधुदुर्ग पुलिस ने पिछले महीने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में जयदीप आप्टे और चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की लापरवाही और अन्य अपराधों की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। ठाणे जिले के रहने वाले मूर्तिकार जयदीप आप्टे ने ही शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने का काम किया था।