महाराष्ट्र में लगातार गर्म होते सियासी पारे के बीच अब ठाकरे परिवार में भी तलवारे खिंचतीं नजर आ रही हैं। खासकर बालासाहेब ठाकरे की विरासत को लेकर उनके बेटे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भतीजे राज ठाकरे के बीच टकराव देखने को मिल रहा है। दोनों ही नेता इस वक्त लाउडस्पीकर विवाद को लेकर आमने-सामने हैं। अब इस टकराव में हिंदुओं को अपनी तरफ खींचने का प्रयास भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में जहां राज ठाकरे ने पांच जून को अयोध्या जाने का एलान किया, वहीं उद्धव के बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी 10 जून को राम जन्मभूमि के दर्शन के लिए जाने की घोषणा कर दी है। 

दोनों ही नेताओं ने एलान किया है कि वे अयोध्या में राम जन्मभूमि जाएंगे और रामलला का आशीर्वाद हासिल करेंगे। शिवसेना ने तो आदित्य के स्वागत के लिए अयोध्या में तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। उनके दौरे को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि यह राजनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारे धर्म का मुद्दा है। 

इससे पहले राज ठाकरे ने अयोध्या जाने का एलान करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की वजह से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो पाया। इसलिए मेरा अयोध्या जाना जरूरी है। उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने पूरी मुंबई में चलो अयोध्या के पोस्टर भी लगाए हैं। इसके जरिए लोगों से अपील की गई है कि वे राज ठाकरे के साथ पांच जून को ही अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पहुंचें। 

बालासाहेब ठाकरे को लेकर आमने-सामने शिवसेना-मनसे
इससे पहले शिवसेना ने राज ठाकरे पर एक वीडियो शेयर कर निशाना साधा था। इसमें बालासाहेब को राज ठाकरे के खिलाफ बयान देते सुना जा सकता है। शिवसेना ने यह वीडियो राज ठाकरे के एक पोस्ट के विरोध में जारी किया था। इस पोस्ट में मनसे प्रमुख ने खुद बालासाहेब जैसे कपड़े पहने थे और उन्हीं के अंदाज में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का आह्वान करते भी नजर आ रहे थे। इस लाउडस्पीकर विवाद को लेकर राज ठाकरे पहले भी उद्धव सरकार को चेतावनी दे चुके हैं।