महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने हालिया विवादित बयान 'वोट दो, फंड मिलेगा' पर सफाई दी है। जिंतूर में 2 दिसंबर को होने वाले नगर परिषद चुनाव के लिए आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही उनके खिलाफ 35 वर्षों से विभिन्न आरोप लगते रहे हों, लेकिन वे किसी पर कोई कर्ज नहीं रखते और हमेशा कानून तथा आचार संहिता का सम्मान करते हैं।
अजित पवार ने कहा, "मीडिया मेरे हर शब्द पर नजर रखता है और अक्सर किसी भी मुद्दे को मेरे बयान से जोड़ दिया जाता है। काम के दौरान गलतियां हो सकती हैं, लेकिन मेरी नीयत हमेशा क्षेत्र के विकास की रही है।" उन्होंने जिंतूर और आसपास के क्षेत्र के विकास का भरोसा भी दिया।
विरोधियों के हमले के बीच, उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुणे जिले की मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान उनका कथित बयान गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल विकास कार्यों के लिए संसाधनों की उपलब्धता की बात की थी, न कि किसी पर दबाव डालने की।
इसके अलावा, अजित पवार ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि कुछ गैर-सरकारी संगठन मतदाताओं से उनके परिवार और कार्यों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए और हर राजनीतिक दल को समान आधार पर आंका जाना चाहिए।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका लाभ कागजों में नहीं बल्कि जमीन पर दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का सही दिशा में उपयोग करके ही क्षेत्र का सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।