अजित पवार को और सीटें मिलतीं, लेकिन महाराष्ट्र को पता है कि एनसीपी को किसने बनाया: शरद

एनसीपी शरद गुट के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी की हार स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने जो फैसला दिया वह स्वीकार है। मैं मानता हूं कि अजित पवार को चुनाव में अधिक सीटें मिलीं, लेकिन हर कोई जानता है कि एनसीपी संस्थापक कौन हैं।  मैंने बारामती में अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को मैदान में उतारकर कोई गलत निर्णय नहीं लिया था। यहां से किसी को तो चुनाव लड़ना ही था। 

कराड में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब काफी अधिक आश्वस्त हो गए थे, लेकिन महाराष्ट्र के परिणाम के बाद लगता है कि हमें अभी काफी काम करने की जरूरत है। हम कारणों का अध्ययन करेंगे और लोगों के पास जाएंगे। यह लोगों का फैसला है। बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत का कारण हो सकती है।

ऐसा धनबल और ध्रुवीकरण का प्रयास कभी नहीं देखा
शरद पवार ने कहा कि चुनाव में धनबल का ऐसा प्रयोग पहले कभी नहीं देखा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जो टिप्पणी की, उससे साफ है कि ध्रुवीकरण करना चाहते थे। चुनाव में ध्रुवीकरण हुआ। शरद पवार ने कहा कि एमवीए में समन्वय की कोई कमी नहीं है। हम कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं। हमें ऐसा अनुभव कभी नहीं हुआ। लेकिन अब जब हुआ है, तो हम इस पर विचार करेंगे और समझेंगे कि ऐसा क्यों हुआ और नए उत्साह के साथ लोगों के सामने जाएंगे।

शरद पवार ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों की यात्रा की है, चाहे वह मेरी पार्टी हो, शिवसेना (यूबीटी) हो या कांग्रेस हो। सभी ने सामूहिक प्रयास किए, लेकिन परिणाम हमारे प्रयासों के अनुरूप नहीं रहे। कहीं भी समन्वय की कमी नहीं थी। उन्होंने कहा कि एमवीए लोगों से चर्चा करेगा। हमें प्रचार के दौरान लोगों से प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन हमें नहीं पता था कि यह वोट में नहीं बदलेगी। नवनिर्वाचित एनसीपी (एसपी) विधायकों की एक बैठक सोमवार को होगी।

यह रहे चुनावी नतीजे
महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों के बीच रहा। पहला भाजपा शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट) का गठबंधन, जिसकी इस वक्त सरकार है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं। नतीजों में 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति को 235 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी को 54 सीटें मिली हैं। इसमें कांग्रेस को 16, शिवसेना उद्धव को 20 और एनसीपी शरद को महज 10 सीटों पर जीत मिल सकी। 

अजित का पलड़ा भारी
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद अजित पवार के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे थे। दरअसल, तब अजित सिर्फ एक सीट जीतने के साथ करीब 3 फीसदी वोट ही हासिल कर पाए थे। इसके उलट, शरद की पार्टी 8 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। हालांकि विधानसभा चुनाव के नतीजे ने अजित का पलड़ा भारी कर दिया। अजित गुट को शरद गुट के 12 सीटों के मुकाबले 39 सीटों पर जीत हासिल हुई है। अजित वाली एनसीपी के मत प्रतिशत में भी करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जाहिर है नतीजे से शरद पवार की मुश्किलें बढ़ेंगी। भविष्य में उनकी पार्टी के कई और नेता अजित के खेमे में जा सकते हैं।

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