बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर के तनिष्क शोरूम में दिनदहाड़े हुए 25 करोड़ रुपये की ज्वेलरी लूट कांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। जहां एक ओर इस हाई प्रोफाइल लूटकांड की जांच में पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर गिरफ्तार आरोपी का मोबाइल से बेधड़क बातचीत करता हुआ वीडियो वायरल होने से बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह मामला तब और ज्यादा सुर्खियों में आ गया, जब लूट के बाद एनकाउंटर में घायल एक आरोपी को अस्पताल में स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा था। उसी दौरान वह मोबाइल फोन पर बात करता नजर आया। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस अभिरक्षा में होने के बावजूद आरोपी न सिर्फ मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है, बल्कि पूरी बेफिक्री से बातचीत भी कर रहा है। इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई पर सवालों की बौछार शुरू हो गई। लोगों ने पूछा कि जब आरोपी पुलिस एनकाउंटर में घायल हुआ है, तो उसे मोबाइल इस्तेमाल करने की इजाजत किसने दी? यह लापरवाही है या कोई अंदरूनी सांठगांठ?
लूट की वारदात और पुलिस की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, घटना सोमवार की सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच की है। जब आरा नगर थाना क्षेत्र के गोपाली चौक स्थित तनिष्क शोरूम में हथियारबंद करीब छह से सात अपराधी दाखिल हुए। उन्होंने स्टाफ और शोरूम मालिक को बंधक बनाकर करीब 25 करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए और फरार हो गए।
सूचना मिलते ही भोजपुर एसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और लुटेरों की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो अपराधी गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से दो पिस्तौल, दस कारतूस और लूटे गए जेवरात से भरे दो बैग बरामद किए हैं।
डीआईजी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
घटना के बाद शाहाबाद रेंज के डीआईजी सत्य प्रकाश ने आरा पहुंचकर तनिष्क शोरूम का मुआयना किया और पुलिस कार्रवाई की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अब तक दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। डीआईजी के मुताबिक, इस लूटकांड में कुल छह से सात अपराधी शामिल थे और पुलिस जल्द ही अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी कर लेगी।
आरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल तब खड़े हुए, जब एक घायल आरोपी का मोबाइल पर बात करते हुए वीडियो वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या यह वही अपराधी है जो कुछ घंटे पहले तक पुलिस पर गोली चला रहा था और अब पुलिस की मौजूदगी में मोबाइल चला रहा है? क्या यह पुलिस की लापरवाही है या अपराधियों से किसी प्रकार की मिलीभगत का संकेत?
कानून-व्यवस्था पर जनता का अविश्वास
इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता अब यह जानना चाहती है कि क्या इतने बड़े लूटकांड के आरोपी को इतनी छूट मिलना सामान्य बात है? पुलिस की इस ढिलाई ने न केवल जांच की निष्पक्षता पर संदेह खड़ा कर दिया है, बल्कि आम नागरिकों के मन में सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है।
पुलिस का दावा- जल्द होगा पूरा पर्दाफाश
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और लूटे गए सभी जेवरात जल्द बरामद कर लिए जाएंगे। बाकी बचे अपराधियों की तलाश में लगातार छापामारी की जा रही है और जल्द ही पूरे लूटकांड का खुलासा कर दिया जाएगा।
वहीं, आरोपियों के हाथों में फोन लेने की तस्वीरें जब वायरल हुईं तो अमर उजाला की टीम ने फोन पर एसपी मिस्टर राज से बात की। इस दौरान उनसे पूछा गया कि हिरासत में आरोपी के हाथ में मोबाइल कैसे पहुंचा? इसके जवाब में एसपी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मैंने जांच का आदेश दे दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।